शब्द सुमन: राष्ट्रकवि के चरणों में

शब्द सुमन: राष्ट्रकवि के चरणों में “मुझे क्या गर्व हो ,अपनी विभा का, चिता का धूलिकण हूँ, क्षार हूँ मैं। पता मेरा तुझे मिट्टी कहेगी, समा जिसमें चुका सौ बार हूँ मैं।” कौन है ऐसा स्वपरिचय देता हुआ? अरे वह तो ,सरस्वती का वरद पुत्र, रामधारी सिंह ‘दिनकर’ नाम जिसका हुआ। ‘राम’ को धारण करने…

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बोनस

बोनस आज षष्ठी का दिन है। कीर्ति सुबह उठते ही खुशी से उछलने लगी है। कारण आज बाबा को बोनस मिलने वाला है। बाबा बोनस लेकर आएँगे और फिर दुर्गा पूजा के कपड़े आएँगे। उसके बाबा दार्जिलिंग के एक चाय बागान में नैकरी करते हैं। वह फुदकती हुई अपनी माँ कुमारी के पास पहुँची और…

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नमक का दरोगा

नमक का दरोगा प्रेमचंद की सभी कहानियों में से “नमक का दरोगा” कहानी मुझे बहुत प्रभावित करती है। यह कहानी इस तथ्य को पुख्ता करती है कि ईमानदारी, नेक इरादे और सद्भाव रखने वालों को थोड़ा कष्ट जरूर सहना पड़ता है, परन्तु अंततः अंजाम हमेशा ही अच्छा और सकारात्मक होता है। यह कहानी धन और…

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सपनों का भारत

सपनों का भारत भारत अथवा हिंदुस्तान का नाम सामने आते ही ऐसे देश की कल्पना साकार हो उठती है जो अपनी प्राकृतिक संपदा, नैसर्गिक सौन्दर्य एवम अथाह धन धान्य से परिपूर्ण है। अपनी सांस्कृतिक विरासत एवम ज्ञान के अकूत भंडार से मालामाल है । अपनी शांतिप्रियता एवम वसुदेव कुटुम्बकम की अति प्राचीन धरोहर का पालन…

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बेटी

बेटी बेटे बेटी के मसलों ‌को,कब तक उलझाओगे प्यारे रिश्तों को कब तक भरमाओगे। अनमोल हैं माता पिता ‌के दोनों समाज,कब तक भ्रम फैलाओगे। श्री रूप धर आई बेटियाँ सरस्वती बन पधारी बेटियाँ अपनी उपस्थिति से घर को महकाती हैं जानकी की अवतार हैं बेटियाँ। संस्कृतियों का संगम हैं ये संस्कारों की धरोहर हैं ये…

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नर का पौरुष

नर का पौरुष जब-जब संकट ने जाल बुना नर ने पौरुष का वार चुना यूँ शैय्या पर जीकर क्या हो उसने मृत्यु अधिकार चुना विद्युत सम तलवार लिये तड़ितों को अपने तुनीर धरे लगा गाँठ जनेऊ में भरकर भीषण हुंकार चला कितने रत्नाकर लाँघ दिए अगणित सेतु भी बाँध दिए माँ के वचनों की रक्षा…

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The Body

The Body With eyes half-closed and a headache that won’t be purged by aspirin’s priests, which I eject from my body — My body that I don’t like so much, but I don’t mock it as it should be mocked. Or love it as it should be loved. I never sip drowsiness all at once,…

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संदेशे आते हैं

संदेशे आते हैं   नव वर्ष के अनेक सन्देश मेरे मोबाईल पर दोस्तों और रिश्तेदारों के आये। सबों को यथोचित धन्यवाद ,शुभकामनाएं भेजती जा रही थी। कुछ ऐसे भी नंबर थे जो अपरिचित थे पर शुभकामनाएं ही तो दे रहा है बेचारा जो भी है यह सोच कर प्रत्युत्तर दे रही थी। अचानक एक सन्देश…

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