शत शत नमन

 

शत शत नमन

ममता से ओतप्रोत वे सभी ममतामयी सम्मानीय माताएं जिनका प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष दोनों ही रूप से मेरे और मेरे अपनों के जीवन में महत्वपूर्ण योगदान रहा हैं उन सभी माताओं एवं मेरी जन्मभूमि भारत माता के श्री चरणों में मैं सत् सत् नमन करता हूं एवं ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि आप हमेशा हंसती मुस्कुराती रहें एवं स्वस्थ रहें।
आप सभी सम्मानीय माताओं को मातृ दिवस की अशेष हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। आशा और विश्वास के साथ कि मातृ शक्ति के सम्मानित जीवन से जन मन का जागरण करते हुए भारत माता अपनी विश्व गुरु की धुरी को मजबूत करेंगी। भारत पतन के मूल में व्याप्त मातृ हन्ता का दीमक नष्ट होकर रहेगा।

माँ
श्रृष्टि
में
शब्द
सृजन
में
छंद
सर्जक
में
अर्थ
माँ
तो
देह
नहीं
माँ
दीप्ति
है
माँ
शब्द
नहीं
माँ
शक्ति
है
रक्त
नहीं
रक्ताभा
है
माँ
हर
हाल
में
सदा
ममता
है
माँ
भाव
नही
सर्वोपरि
अर्थ
है
माँ
शब्दातीत
है
माँ
तो
भावातीत
है
माँ
है
तो
हम
हैं।

अरविन्द भारत
साहित्यकार
वाराणसी, उत्तर प्रदेश

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