शत शत नमन
शत शत नमन
मां शारदे तुमको
विद्या बुद्धि का
वर दे हमको,
कर दो उज्ज्वल
हम सबका जीवन
पावन कर दो
ये तन और ये मन !!
सुंदर हो हर भाव हमारा
सद्बुद्धि का आशीष हमें दो,
अपने वीणा के हर तार से मैया
मधु मधुर जीवन को कर दो!!
करती तू हंस की सवारी
सबको सच्ची रह दिखाती,
मिटाकर अज्ञान का अंधेरा
ज्ञान की झिलमिल ज्योति जगाती!!
उतरो मां अब इस धरा पर
तेरी ही अब आस है मां,
सन्मार्ग पर हमें चलाओ
अपनी मंज़िल पाए हर इंसान!!
अर्चना रॉय
साहित्यकार एवं प्राचार्या
रामगढ़ , झारखंड