“राष्ट्रपिता”
किसने जाना था
कि सत्य के प्रतीक
बन जाओगे
अहिंसा के मसीहा
भारत की तकदीर
बना जाओगे !
किसने समझा था तुम्हे
एक दुबली सी काया
देगा भारत को
आजादी का स्वरुप !
आज नत हम भारतवासी
तुम्हारी अद्भुत सीख को
याद करे बापू
समय के इस चक्र में
संसार को समझना होगा
संकल्प रहे जनमन में
कठिन परिस्थितियों में भी
आत्मशक्ति सदा रहे
सदियों तक रहेगा ये कर्ज
हमपर तुम्हारा त्याग
अहिंसा ही रहेगा धर्म
सतमार्ग ही रहेगा कर्म
तिरंगा सदा गगन चूमेगा
याद करेगें राष्ट्पिता
तुम़्हारा सत तप रूप ।
डॉ आशागुप्ता*श्रेया*