गढ़ा हमारे जीवन को ऐसे

गढ़ा हमारे जीवन को ऐसे ,
जैसे गढ़े कोई सुनार या कलाकार
शब्द नहीं हैं मेरे पास कि
रूप दे सकूँ उनको साकार
मजबूत इरादों वाली,गंभीर,
सहनशील,गुणी ,सुशीला, सौम्या।
जिसने हम भाई-बहनों के
जीवन को गढ़कर आकार दिया ।
पिता के साथ मजबूती से हर वक्त
उनको हमने देखा खड़ी ।
हमारी हर परेशानी में हमारे साथ
वैसी ही होती हैं आज भी खड़ी।
आपका आशीष, मार्गदर्शन
यूँ ही बना रहे हमेशा ।
स्थान है आपका हमारे
जीवन में ईश्वर सा ।
ढ़ूँढ़ूँ जो आपके जैसा
दिखे ना कोई आप सा।
कोई नहीं आपके बराबर
न आप सा इस जग में
आप ही हमारी सबकुछ
हमेशा रहती हैं हमारे मन में ।

पुष्पांजलि मिश्रा
जमशेदपुर

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