कोरोना
कोरोना को रोक दो , सुनो सभी तुम आज ।
इसे महामारी कहें , या करना कुछ काज ।।
सभी साफ रहना सदा , भीड़ भाड़ से दूर ।
साफ सफाई हाथ की , रहे वायरस दूर ।।
सादा जीवन हो सदा , रखना उच्च विचार ।
शाकाहारी हो सुनो , सुंदर हो आचार ।।
घर में रहकर काम हो , कोरोना को मात ।
बच्चें बूढ़े ठीक हो , सुनलो सच्ची बात ।
हो कपूर से आरती , घर होता है शुद्ध ।
तभी वायरस भागता , ले जातें हैं बुद्ध ।।
प्रतिभा प्रसाद कुमकुम
साहित्यकार
जमशेदपुर, झारखंड