संघर्ष अदृश्य शत्रु से

संघर्ष अदृश्य शत्रु से

कोविद 19 एक सूक्ष्म जीवाणु जो वैश्विक आपदा के रूप में समस्त विश्व के मानव जाति को धीरे धीरे अपने शिकंजे में जकड़ता जा रहा है।एक अदृश्य शत्रु आज मानव सभ्यता के समक्ष एक चुनौती है, न केवल मानव जीवन के लिए बल्कि मानव सभ्यता द्वारा निर्मित प्रत्येक क्षेत्र पर घातक प्रहार कर रहा है । इसलिए मेरा व्यक्तिगत विचार है कि इस वैश्विक आपदा के समय हमें एकजुट होकर मानव जीवन की रक्षा करनी होगी ।समाज के सभी वर्ग के लोगों को आगे आना चाहिए चाहे वो अमीर हो या गरीब, अपने अपने स्तर से अपनी क्षमता अनुसार योगदान करें हमारे व्यवस्था को। सभी निजी अस्पतालों को कोविड-19 अस्पताल में परिवर्तित कर देना चाहिए। अलग अलग क्षेत्र के विशेषज्ञ डॉक्टर आगे आएं अपनी सेवा देने के लिए।मेडिकल के छात्र अपने सीनियर के साथ कोविड मरीजों के इलाज में अपना योगदान करें ताकि उन्हें भी एहसास हो कि वह भी इस व्यवस्था के अंश है और उनका योगदान समाज के लिए हैं।जिससे वह काम करने के तरीकों को भी सीख सकेंगे।धनवान व्यक्ति मूलभूत संरचना को उपलब्ध कराकर योगदान करें।प्रतिष्ठित व्यक्ति श्मशान घाट में अतिरिक्त प्रबंधन बनाएं रखें ताकि जब मृत्यु के आंकड़े बढने लगें तो यह उपयोगी हो।मनोवैज्ञानिक और मनोचिकित्सक उन लोगों को सेवा दें जिन्होंने इस आपदा में अपनों को खो दिया ।

कोविड 19 से संघर्ष न किसी एक जाति, धर्म, सम्प्रदाय, प्रदेश, देश का नहीं है बल्कि यह संघर्ष मानव जाति के अस्तित्व का हैं। कोविड 19 पॉजीटिव रोगी प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से एक लाख से अधिक लोगों को संक्रमित कर सकता है।कोविड 19 का विस्तारवादिता की तीव्रता और भयावहता के समक्ष मानव केवल अपने प्रयासों और जीजिविषा से ही बच सकता हैं इसलिए प्रत्येक व्यक्ति ही एक योद्धा हैं इस जंग में।कोविड-19 से बचाव के लिए ना कोई दवाई है और ना ही अभी तक कोई वैक्सीन।इसके विस्तार या प्रभाव को रोकने का एक मात्र विकल्प है मनुष्य का मनुष्य से दूर रहना जिसें सामाजिक दूरता या सोसल डिस्टेंसिंग कहा जाता है ।हाल में ही पता चला है कि यह जीवाणु कुछ समय के लिए हवा में भी जीवित रहता हैं और उससे भी व्यक्ति संक्रमित हो सकता है इसलिए मास्क पहना अनिवार्य है । समय समय पर हाथ धोते रहें या सेनिटाइजर का प्रयोग करते रहें। मेरा सभी से अनुरोध है कि इन बातों का हमेशा ध्यान रखें… खुद भी सुरक्षित रहें और अपने परिवार और समाज को भी सुरक्षित रखें।


डॉ रणजीत सिंह

एफ आर सी पी
रेस्पिरेटरी कंसल्टेंट
ल्यूटन एंड डंस्टेबल यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल
(यूनिवर्सिटी ऑफ लंदन)
यू के

0
0 0 votes
Article Rating
226 Comments
Inline Feedbacks
View all comments