“यत्र नार्यस्तु पूज्यते रमन्ते  तत्र देवता”

यत्र नार्यस्तु पूज्यते रमन्ते  तत्र देवता”
नारी के बिना इस सृष्टि की कल्पना करना संभव ही नही है। युवा हो या अधेड़ या हो वृद्ध। सभी पुरुषों को यह समझना जरूरी है।
आज छोटी बच्चीयों से लेकर वृद्ध महिलाएं सुरक्षित नही है ,यह 21 वी सदी में रहते हुए भी बड़ी वेदना की बात है। चाहे वो भ्रूण हत्या हो,दहेज प्रथा हो,छेड़खानी ,यौन उत्पीड़न या  तेज़ाब हमले हो,इन सभी बातों के लिए दो बातें सबसे पहले ज़ेहन में आती हैं।
पहली बात ये की महिलाओं को अबला समझ कर उन पर सभी ज़ुल्म किये जाते है और दूसरी बात ये की औरतों को बोझ समझा जाता है। समाज के सभी वर्ग के लोगो को चाहे पुरुष हो या औरत दोनों का शिक्षित होना बहुत ज़रूरी है।
आज दहेज प्रथा पर पूर्ण रूप से अंकुश लगा दिया जाए तो शायद भ्रूण हत्या जैसी शर्मसार घटनाएं न हो। एसिड हमलों की वजह या तो जलन है, या बदले की भावना , दहेज,भूमि विवाद या नकारा गया रिश्ता।
इन सभी से निज़ात पाने के लिए समाधान भी है। हम महिलाओं को आगे आना होगा। भारतीय सरकार ने बहुत से कानून बनाये है जिनका हम अगर सही से उपयोग करें तो यह बारदातें कम हो सकती है। खुद को शिक्षित करेंऔर शशक्त बनाए। घर मे पुरुषों को सिखाए औरतो की इज़्ज़त करना।ये बताएं कि हम इस्तेमाल करने की वस्तु नही है।
खुद के हक के लिए खुद को ही लड़ना होगा और तैयार करना होगा। इन सभी बातों को जानते समझते हुए भी हम अपने आप को कमज़ोर समझते है।यह बताना जरूरी है सभी को हम विफलता से नही डरते और एक दिन ये हमारी ताकत बनेगी।
बलात्कार,यौन उत्पीड़न और एसिड अटैक जैसे मसलो पर सरकार ज़ोर शोर से काम कर रही है। जगह जगह सीसीटीवीसुरवेललिएन्से के अंतर्गत अपराधियों को पकड़ा जा रहा है,जिसकी वजह से आज पुरुषों में डर पैदा हुआ है। सीसीटीवी कामर्स की गिनती को बढ़ाना होगा। आजकल टेलीविशन पर , एंड्राइड फ़ोन पर एप्स आ गए है जहां आप को तुरंत मदद मिल सकती है। इन सभी के बारे में हमे ही दूसरो तक पहुंचने में मदद करनी होगी।
सभी बातों का सार यही दर्शाता है कि औरत को अपने लिए अपने आप को ही तैयार करना है । औरत जिस दिन यह समझ ले कि उसे अत्याचार बर्दाश्त नही करना है और शिक्षित होना है, कई हद तक समस्याएं कम हो जाएंगी। दुनिया की महिलाओं को लामबंद करना होगा अगर समाज को बदलना है तो।
” सवाल यह नही की कौन मुझे बताएगा
बल्कि ये की कौन मुझे रोकेगा”
 पूनम विग
अध्यक्ष समाधान संस्था

 

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