विजयी भारत
आप में से बहुतों ने १९६२ का युद्ध देखा होगा व उसकी कहानियां भी सुनी होंगी।मेरे भी ज़हन में आज कई दिनों से वो १९७५ का पाकिस्तान व भारत के युद्ध जिसके “सायरन” की गूंज,वो मेरे घर की छत से जहाजों की फर्राटेदार उड़ानें और उस पर हम दोनों बहनों को मां और पापा का दुबका के सुला देना, क्योंकि शाम से ही ब्लॉकआउट का नियम था।
आज का देश ,आज का भारत कहां से कहां आ गया।ये गौरवान्वित अहसास तब होता है जब हम १९७५ की ओर पलट कर देखते है।कितनी ही कोई आंख तरेरे, कितना ही विवाद खड़ा करें, कितने ही विस्फोट करें।यह एक प्रगतिशील, जागरूक, सर्व सशक्त भारत है। प्रत्येक भारतवासी के दिल में कुछ करने का जज्बा है।मरना मत, डरना मत ,अभी सब कुछ खत्म नहीं हुआ है!!
इस कोरोना के लॉकडाउन में बहुत सारे लोग डिप्रेशन में आ चुके हैं लोगों को अपने करियर खत्म होते हुए दिखाई दे रहे हैं,इनकम खत्म हो गई हैं, लेकिन मैं आप लोगों को बता दूं कि यह सदी में आने वाला एक ऐसा संकट है जिससे आप अकेले नही बल्कि हम सभी पृथ्वी वासी मिलकर बहुत मुश्किल से पार पा सकेंगे ,सही समय आने पर यह अपने आप कमजोर होकर धीमे धीमे खत्म हो जाएगा ।
लेकिन अभी के अनिश्चितताओं के दौर और आने वाले भविष्य के लिए अपने मन के अंदर के डर को आपको सोच समझकर मुकाबला करना पड़ेगा।
अभी सब कुछ खत्म नहीं हुआ है ।
आपका परिवार आपके साथ है थोड़े ही सही लेकिन कुछ सच्चे मित्र भी आपके पास है, आपका घर आपके पास है, और आपकी नॉलेज आपके स्किल्स अभी भी आपके अंदर ही हैं ,उनको आप से छीनकर कोई नहीं भागा है,आप दुबारा खड़े हो सकते हो ।
अपनी हिम्मत को टूटने मत दो,कोई काम छोटा नहीं होता, कोई धंधा छोटा नहीं होता जब तक कि आप उससे किसी का नुकसान नहीं करते हो और धंधे से बड़ा कोई धर्म नहीं होता।
थोड़ा सा शांति रखो धैर्य रखो इस असाधारण समय में अपने आप को टूटने से बचाओ – अपने मन को हारने से बचाओ।
अभी सब कुछ खत्म नहीं हुआ है ।
सब ठीक हो जाएगा यह दौर भी गुजर जाएगा इस धरती पर कुछ भी हमेशा एक जैसा या हमेशा के लिए नहीं रहता।यह कोरोनावायरस और निराशाओं का दौर यह सब एक ना एक दिन खत्म जरूर होना है और उसके बाद तुम फिर से अपने पैरों पर खड़े हो सकते हो।
एक सशक्त आत्म-पुंज वाला व्यक्ति यह बात हमेशा याद रखेगा कि “यदि ईश्वर उसके साथ है तो दुनिया की बड़ी से बड़ी ताकत उसका बाल भी बांका नहीं कर सकती , उसका कुछ नहीं बिगाड़ सकती” फिर चाहे पूरी फौज क्यों ना उसके सामने खड़ी हो ।इसी को ईश्वर में विश्वास और आत्मविश्वास का नाम दिया गया है ।
सच्चाई हमेशा जीतती है -यह ध्यान रखना और सच बोलने वाले के साथ हमेशा ईश्वर होता है इस बात को तुम भूल गए दोस्त ।
याद रखना अभी सब कुछ खत्म नहीं हुआ है।
विनी भटनागर
नई दिल्ली