तू सबला है
तेरे आँचल से अमृत पी
संसार पनपता खिलता है
प्रेम, त्याग उपनाम हैं तेरे
गंगा सी सरल सहजता है
कर कोटि नमन माँ पन्ना को
अपनी शक्ति पहचान ले
तू सबला है मान ले ।।
लक्ष्मी तू, अन्नपूर्णा तू
घर तुझसे ही तो सजता है
चट्टानों सी दृढ़ता तुझमें
धरती सा धीरज बसता है
कर कोटि नमन वैदेही को
अपनी शक्ति पहचान ले
तू सबला है मान ले ।।
प्रत्येक चुनौती को जीता
जब-जब तूने मन में ठाना
इतिहास साक्षी है इसका
जग ने तेरा लोहा माना
कर कोटि नमन सावित्री को
अपनी शक्ति पहचान ले
तू सबला है मान ले ।।
जिन हाथोँ में सजती मेंहदी
कंगन की मधु झंकार उठे
वो शस्त्र उठाने में सक्षम
यदि अवसर कोई आन पड़े
कर कोटि नमन लक्ष्मीबाई को
अपनी क्षमता जान ले
तू सबला है मान ले ।।
दफ़्तर की मीटिंग से लेकर
खेलकूद के परिसर तक
सीमा की रक्षा से लेकर
अंतरिक्ष के अन्वेषण तक
पार किया हर लक्ष्मण रेखा
अब तो तू यह मान ले
तू सबला है मान ले ।।
आलोक मिश्रा
सिंगापुर