शिक्षक दिवस

शिक्षक दिवस

एक सतत प्रक्रिया है विद्यार्थी और शिक्षक होना। एक श्रेष्ठ शिक्षक कल एक जिज्ञासु विद्यार्थी था।जिज्ञासा सीखने की अदम्य इच्छा है और जन्म से ही इस प्रवृत्ति के साथ हम धरती पर आते हैं। शिशु के सीखने की सतत क्रिया उसकी जिज्ञासा का ही प्रतिफल है।इसमें दो मत नहीं कि परिवार ही होता है प्रथम विद्यालय और माँ सही मायने में प्रथम शिक्षक।जीवन के तमाम पायदानों पर आने वाले हमारे शिक्षक प्रत्यक्ष प्रभाव डालते हैं और व्यक्तित्व निर्माण में एक छाप अवश्य छोड़ते हैं।

यह जगत, यह जीवन खुद में भी एक शिक्षक ही है। बाहरी दुनिया में पैर रखते ही सामंजस्य बनाने की क्रिया एक चुनौती देती हुई सामने खड़ी मिलती है। नर्सरी कक्षा में अबोध अवचेतन अवस्था से शुरू हुई जीवन की शिक्षा पूरी उम्र बस सिखाती चलती है। स्वीकार करना, प्रतिकार करना सीखने की कड़ी है। अगर गिर पड़े तो तुरंत उठना सीखना भी आवश्यक है। बचपन में गिरने पर माँ के पुचकार से हर बच्चा दोगुनी तेजी से उठ खड़ा होता है और उत्साह से दौड़ पड़ता है।उत्साह और जिज्ञासा हमेशा समानुपाती होते हैं। लेकिन बचपन की यह कुंजी आहिस्ता मंद होने लगती है। पर जीवन के संघर्ष में उत्साह का दामन छोड़ना अपनी उस पहली शिक्षक की शिक्षा को भूलना है। अक्सर कई उम्र दराज लोगों में अदम्य इच्छा शक्ति और जिजीविषा देखने को मिलती है तो कई बार लोगों में किसी अन्य क्षेत्र में कोई खास जिज्ञासा देखने को नहीं मिलती। जिज्ञासा और उत्साह छूटे से दिखते हैं।

स्कूल, कालेज के बाद शिक्षक जैसे बाइंडिंग फोर्स का साथ छूटता है फिर आवश्यक यह हो जाता है कि खुद अपना शिक्षक बना जाये। देखा जाये तो हर व्यक्ति में एक शिक्षक खुद ही सिचिंत होता है फिर पूरा जीवन वह उसी आपने अंदर सिचिंत शिक्षक का हाथ थामे चलता है।

तमाम उतार चढ़ाव के बिना जीवन पूर्ण कहाँ?व्यवहारिकता कई बार आपकी साथी होती है तो कई बार परिस्थितियों के समक्ष आप खुद को हतप्रभ खड़े पाते हैं। ऐसे में बस आप खुद अपने मार्गदर्शक और शिक्षक हैं।

एक दौर के बाद जब अपने तमाम शिक्षकों का प्रभाव आपके नसों शिराओं में परोक्ष रूप से घुल-मिल कर व्यक्तित्व का निर्माण कर चुका होता हैं तब हर विद्यार्थी को अपना शिक्षक खुद बने रहना भी बहुत आवश्यक है। हम मनुष्य पूरी उम्र विद्यार्थी भी हैं और खुद अपने शिक्षक भी!

जीवन के विभिन्न पड़ावों के हर शिक्षक को नमन और सभी शिक्षकों को शिक्षक दिवस की बधाई।

रानी सुमिता
पटना, बिहार

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