गुलाब

गुलाब

फूलों का ये राजा है सबके दिल को भाता।
प्यार बांटता सारे जग को कांटों में मुस्काता।
लाल गुलाबी नीले पीले कितने रंग तुम्हारे।
प्यार बढ़ाते तुम आपस में सबका दिल हर्षाता।।

सबके मन के बगिया में तुम प्यार खिलाते हो।
मनमोहक रंगों में खिल कर सबको भाते हो।
मन का भौरा गुनगुन करता मन तितली इठलाती।
टूटे दिल की खुशियां बन कर प्रेम लुटाते हो।

 

मणि बेन द्विवेदी

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