मानव को आलोकित करता शिक्षक

मानव को आलोकित करता शिक्षक पं.श्रीकृष्ण चन्द्र झा का जन्म जमींदार परिवार में हुआ था।१० वर्ष के ही थे तो उनके पिता का देहान्त हो गया ।अल्प आयु के कारण सारे रिश्तेदारों ने सम्पत्ति हड़प लिये थे, जमींदारी भी छीन ली थी सरकार ने। भाइयों की देखभाल भी उन्हें ही करनी पड़ी थी। भाइयों को…

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जीना सिखाया

जीना सिखाया ज्ञान का दीपक कर उजागर शिक्षक आपने जीना सिखाया कभी डांट कर कभी प्यार से जीवनबोध का पाठ पढ़ाया। याद आती है कक्षा मे जब उत्सुक नजरों से घूरते थे सब अनायास व्याख्यान कौशल से तात्विक बातें हमें समझाया। कठिन पाठ को सरल बनाकर रोचक ढंग से प्रस्तुत करते सोचते थे हम, कैसे…

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मीठे बोल

मीठे बोल जो भी देवेश की कक्षा से स्टाफ रूम में आता, वह झल्लाते हुए कहता-” पता नहीं यह कैसा लड़का है नाक में दम कर रखा है।” कोई भी टीचर ऐसा नहीं था जो उसकी शिकायत ना करता हो ।सभी को परेशान कर रखा था उसने । देवेश सामान्य बालकों से अलग था ।…

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एक शिक्षिका ऐसी भी

एक शिक्षिका ऐसी भी बात उन दिनों की है जब मेरी नियुक्ति मुम्बई के एक प्रसिद्ध कनिष्ठ महाविद्यालय में हुई थी।परिवार,दोस्त,रिश्तेदार सभी प्रसन्न थे कि सरकारी नौकरी मिल गयी,अब जिंदगी आराम से गुजरेगी।काम हो ना हो,तनख्वाह तो शुरू ही रहेगी।आज भी सरकारी नौकरी के प्रति लोगों की मानसिकता में अधिक अन्तर या बदलाव नहीं आया…

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एकलव्य

एकलव्य ”आंटी जी!..आंटी जी!” कोई धीमे स्वरों में पुकार रहा था. मै टहलने लिए तैयार हो ही रही थी ..गेट पर झाँक कर देखा तो, रुन्छु था. मैंने गेट खोलकर पूछा -”अरे रंछु!..कहाँ था इतने दिन?दिखाई ही नहीं दिया?” ”आंटी जी बाहर गाँव चला गया था. बाबा के साथ काम करने. ..वहां सड़क बन रहा…

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शिक्षा और नयी नीति

शिक्षा और नयी नीति शिक्षा वह आधार है,जो किसी भी व्यक्ति या देश को आत्मनिर्भर बनाती है, जीवन में बेहतर संभावनाओं को प्राप्त करने के विभिन्न अवसरों के रास्तों का निर्माण करती है और उज्जवल भविष्य के विकास और उत्तरोत्तर वृद्धि के लिए दरवाजे खोलती है। वैसे तो शिक्षा के उपयोग कई हैं, परंतु, बदलते…

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शिखर से पहले

शिखर से पहले दरवाजा खोलते ही सामने अंजान शख्स को देख विभा हैरान हो गई। हाथ में कुछ सामान लिए उस पच्चीस-छब्बीस वर्षीय युवक के चेहरे में न जाने कैसा अपनत्व था कि बिना संकोच के उसे अंदर आने दिया। “नमस्ते मैम! पहचाना नहीं मुझे?” सोफे पर बैठते हुए उस शख्स ने कहा। “कौन, भुवन…

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गुरू की महिमा

गुरू की महिमा गुरू हैं ज्ञान के सागर गुरू हैं ध्यान के गागर गुरू में लीन हों मन से तो निखरे सद्बुद्धि का आखर गुरू हैं सरस्वती उपासक गुरू हैं देश के सुधारक गुरू से दीक्षा लें सच्ची तो बनते तम के ये उद्धारक गुरू हैं युग के प्रणेता गुरू हैं कर्म के अभिनेता गुरू…

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मेरे प्रथम गुरु

मेरे प्रथम गुरु हर छोटी बड़ी बात वो समझाते हैं प्यार से, कभी किसी गलती पर आंखे दिखाते , कभी हाथ फेरते सर पर मेरे दुलार से, मनुहार से!! जीवन की हर पेचीदगी उनके मार्गदर्शन से ही हल हुए उनकी सही दिशा -दर्शन से निर्बल हौसले मेरे सबल हुए!! तुम केवल कर्ता हो अपने सुकर्म…

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नई शिक्षा नीति :एक चिरप्रतीक्षित अनिवार्य कदम

नई शिक्षा नीति :एक चिरप्रतीक्षित अनिवार्य कदम भारत ऋषियों – मुनियों, योग,ध्यान और प्राणायाम की धरती रही है। सदियों पहले से यहां पृथ्वी के अध्ययन वाले विषय को ‘भूगोल’ और जिसकी गति हो उसे, ज+गत=’जगत’ कहा गया। अपनी इसी सभ्यता और समृद्धि के कारण, भारत हमेशा से ही विदेशी आक्रमणों का शिकार और दुश्मनों के…

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