क्यों हिंदी

क्यों हिंदी क्यों भाषा सुंदर भाती नही कतराते हैं सोचने की बात पले हैं बोल हिंदी है कुष्ट संकीर्ण मानसिक विचार दिखे क्यों होये सोचे करे सम्मान हिंदी हो घर शिक्षा हो मान उपयोग सोच विचार देवनागरी है मीठी भाषा है हिंदी है हिंदी सदियों मनोहर सदियों से नकल करें लोग गर्व करें हिंदी छोड़…

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हिंदी है हमारी मातृभाषा

हिंदी है हमारी मातृभाषा नहीं है यह मात्र एक भाषा, हिंदी है हमारी मातृभाषा ।। चाहे हो जीवन में आशा, चाहे हो मन में निराशा, मिली हर अभिव्यक्ति को परिभाषा इतनी अथाह मेरी मातृभाषा ।। नहीं है यह मात्र एक भाषा, हिंदी है हमारी मातृभाषा ।। हर सपने को शब्दों में बुना , हिंदी भाषा…

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हिंदी की पीड़ा

हिंदी की पीड़ा हिंदी, आज हिंदी दिवस का निमंत्रण पाकर वैसे ही खुशी से उछल पड़ी जैसे करवा-चौथ पर पति अपनी महत्ता देखकर फूला नहीं समाता है. वो उठी और सोलह श्रृंगार करके सभा-स्थल की ओर बढ़ गयी.वहाँ पर उसे विशिष्ट-अतिथि की कुर्सी पर बिठाया गया. ये देखकर उसका मन बल्लियों उछलने लगा.थोड़ी देर में…

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क्या है हिन्दी..?

क्या है हिन्दी..? “हिंदी” क्या है..? एक भाषा, जो संस्कृत से जन्म लेकर संस्कृति का निर्माण करती है..? एक संस्कृति..? जो किसी उन्नत सभ्यता को पहचान दिलाती है..? एक सभ्यता…? जिसमें मिट्टी की पकड़ है सोंधी सी प्राकृतिक महक है..? एक सोंधी सी खुशबू…? जो आत्मा में बसती है ईश्वरीय अहसास कराती है..? एक स्वरूप..?…

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हिन्दी है अभिमान

हिंदी है अभिमान हिंदी हिंदी प्यारी हिन्दी हिन्दी है अभिमान जग जग में गूंजे ये है, हमको हैअभिमान मीठे बोली लगती हिन्दी, प्रेम रस बरसाती है अनजाने भी मीठे कंठ से बोले है हिंदी महान प्रेम पाठ पढ़ाती है देश को, देश से मिलाती है हिंदी देश की शान है हम सबको अभिमान है भाषाओं…

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हिंदी अपने राजभाषा के गौरव से बहुत दूर

हिंदी अपने राजभाषा के गौरव से बहुत दूर वैचारिक संप्रेषण के लिए भाषा को आवश्यकता होती है। धरती पर जब से मनुष्य का अस्तित्व है तभी से वह भाषा का प्रयोग कर रहा है। ध्वनि एवं संकेत दोनों रूपों में वैचारिक आदान-प्रदान होता रहा है। भारत भाषा और बोलियों की दृष्टि से समृद्ध देश है।…

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डॉ रांगेय राघव

डॉ रांगेय राघव बहुमुखी प्रतिभा सम्पन्न डॉ रांगेय राघव का जन्म,आगरा में ,१७ जनवरी,१९२३ को हुआ।शिक्षा-दीक्षा भी वहीं हुई।पिता संस्कृत,तमिल,फ़ारसी और अंग्रेज़ी के विद्वान थे।मॉं कनकवल्ली बडी सरल, उदार व दयालु महिला थीं।वे हिंदी जानती थीं,तमिल,ब्रजभाषा बहुत सुंदर बोलती थीं। इनके पूर्वजों को धर्म व भारतीय संस्कृति में गहरी आस्था थी।वे बाइबिल और क़ुरान भी…

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एंजेला मिस

एंजेला मिस बात बहुत पुरानी है किन्तु बाल्यावस्था का वह अनुभव आज भी मेरे स्मृतिपटल पर अंकित है। मैं कक्षा पाँच में पढ़ती थी और अपने पठन-पाठन से संबंधित वस्तुओं के बारे में काफी सचेत रहती थी। विशेषकर गणित की पुस्तक के बारे में क्योंकि यह विषय सदा मेरे लिये टेढ़ी खीर ही बना रहता…

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राष्ट्रीय शिक्षा नीति

राष्ट्रीय शिक्षा नीति आज भारत बहुत ही मजबूत ज़मीन पर खड़ा है क्यों कि अगले दशक में भारत विश्व के गिने चुने राष्ट्रों में शामिल हो जायेगा जिसकी जनसंख्या में युवाओं का प्रतिशत अधिक होगा। ऐसे राष्ट्र के विकास के लिए एक सुदृढ़ शिक्षा नीति का होना आवश्यक है।अभी से ही अगले दशक की योजना…

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भूदान आंदोलन के प्रणेता – आचार्य विनोबा भावे

भूदान आंदोलन के प्रणेता – आचार्य विनोबा भावे भारत में भूदान तथा सर्वोदय आन्दोलनों के लिए सुपरिचित सन्त विनोबा भावे भगवद गीता से प्रेरित जनसरोकार वाले नेता थें। वे महात्मा गाँधी से बहुत प्रभावित थे तथा गाँधीजी के साथ उन्होंने देश के स्वाधीनता संग्राम में बढ़ चढ़कर भाग लिया था। सन्त स्वभाव के बावजूद उनमें…

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