स्वच्छता तन-मन और उपवन की

स्वच्छता तन-मन और उपवन की उठो चलो आगे बढ़ो, कि विश्व तुझको देखता । वक्त की है पुकार ये, फिर कौन तुझको रोकता? स्वच्छ बना इस धरा को, करके योगदान तुम । बन जा प्रहरी इस उपवन का, खड़े जिस दिशा में तुम। स्वच्छता से स्वस्थता आएगी, हमारे भारत देश में। बढ़ेगा हर कदम फिर,…

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जीवनादर्शों के मसीहा: लाल बहादुर शास्त्री

जीवनादर्शों के मसीहा: लाल बहादुर शास्त्री “जय जवान, जय किसान” का उद्घोष, चहुँ दिशाओं में गुंजित करने वाला। अपने छोटे -सधे डग में भी, अदम्य साहस संचित करने वाला।। जिसकी सादगी और सरलता ही, उसकी राजनीति का सिद्धांत बनी। कैसे कह दें हम कि शासन -प्रशासन, और षड्यंत्रों की हमेशा गहरी छनी।। विकट परिस्थितियों के…

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गाँधी का शिक्षा दर्शन : कितना प्रासंगिक

गाँधी का शिक्षा दर्शन : कितना प्रासंगिक महात्मा गाँधी के विराट् व्यक्तित्व का प्रभाव भारतीय मानस पर मर्यादा पुरुषोत्तम राम के आदर्श जीवन से कम नहीं है. अल्बर्ट आइंस्टीन ने सही कहा था कि आने वाली सदियां विश्वास नहीं करेंगी कि गांधी जैसा हाड़ मांस का कोई पुतला इस धरती पर चला होगा।राष्ट्र पिता मोहन…

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गांधी जी एक समाज सुधारक के रूप में

गांधी जी एक समाज सुधारक के रूप में कोई इंसान महान पैदा नहीं होता,उसके विचार उसे महान बनाते हैं!विचार और कार्य की शुद्धता और सरलता ही महान लोगों को साधारण लोगों से अलग करती है, वे वही काम करते हैं जो दूसरे करते हैं मगर उनका लक्ष्य समाज में बदलाव लाना होता है! राष्ट्रपिता महात्मा…

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क्या है गाँधीवाद ?

क्या है गाँधीवाद ? महात्मा गांधी के विचारों की समग्रता गांधीवाद के रूप में चर्चित है।उनके आदर्श, चिंतन, विश्वास और दर्शन से निकली विचारधारा स्वतंत्रता संग्राम के दौरान बहुत सफल रही और उन्हीं के आधार पर देश को स्वतंत्रता भी मिली। बिना हिंसा किये 600 वर्षीय अंग्रेजों की हुकूमत को उखाड़ फेंकना और उनके प्रशासन…

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प्रेरणादायक महात्मा गाँधी

प्रेरणादायक महात्मा गाँधी गुलामी की जंजीर से जकड़ी हुई भारतमाता को मुक्ति दिलाने वाले गाँधी जी युग पुरुष थे. शान्ति से क्रान्ति के सिद्धान्त का पालन कर विश्व में वे अमर हो गये ।अभिमन्यु जैसे हो सकोगे तुम तुम्हारा दर्द सारा खींच लूँगा मैं यही उनका सन्देश था , गांधीजी केवल एक देश के ही…

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गांधी समझ नहीं आएंगे नोट मे

गांधी समझ नहीं आएंगे नोट मे.. अगर समझना चाहते हैं, गांधी को तो, झांकिए अपने अंतरात्मा के ओट मे… गांधी समझ नहीं आएंगे नोट मे… सत्य को अब और कब तक? पढ़ते -पढ़ाते रहेंगे पुस्तकों में… एक बार, सत्य को आने तो दीजिए, अपने आचरण व्यवहार मे.. मुस्कुराते दिखेंगे गांधी, अंतरात्मा की ओट मे …….

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Gandhi jayanti/kumud ranjan jha

गांधी समझ नहीं आएंगे नोट मे.. अगर समझना चाहते हैं, गांधी को तो, झांकिए अपने अंतरात्मा के ओट मे… गांधी समझ नहीं आएंगे नोट मे… सत्य को अब और कब तक? पढ़ते -पढ़ाते रहेंगे पुस्तकों में… एक बार, सत्य को आने तो दीजिए, अपने आचरण व्यवहार मे.. मुस्कुराते दिखेंगे गांधी, अंतरात्मा की ओट मे …….

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