भारत और आत्मनिर्भरता
भारत और आत्मनिर्भरता जब विश्व कोरोना वैश्विक आपदा से लड़ रहा था भारत कोरोना को हराने के साथ साथ खुद को आत्मनिर्भर बनाने के सपने संजोए आगे बढ़ रहा था। इस महामारी से पूरी मनुष्य जाति प्रताड़ित थी और इस पर किसी तरह काबू पाने के लिए जूझ रही थी। कारखाने ,दफ्तर सभी निर्माण कार्य…
माँ तो बस माँ ही होती है
माँ तो बस माँ ही होती है आज भी याद है माँ की वह तस्वीर बचपन में ,स्कूल जाते समय टीफिन लेकर पीछे दौड़ती माँ स्कूल से आते ही खाना खिलाने के लिए घंटों मशक्कत करती माँ लुकछिपी के खेल में जानबूझ कर शिकस्त खाती माँ मेरी चिंता में हर पल अपने आपको जलाती माँ…
Mahatma Gandhi
Mahatma Gandhi Mahatma Gandhi, studied hard and long, at his mother’s feet, His religious spirit became a force within him. It would see him through! His education to complete! Studying The Vedas, the Quran, and the Bible to win! Blessed by his Mother, At age 18, to London, he went! He sought to be a…
विद्या भंडारी की कविताएं
विद्या भंडारी की कविताएं 1.अनबोला लड़की जब तब्दील होती है स्त्री में जाने कहाँ खो जाता है समय । निगल लिए जाते हैं जुबान पर आए शब्द । गुम हो जाती हैं परिंदो सी खिलती आवाजें ।। उड़ते पंख बदल जाते है फड़फड़ाते पंखों में । आंखो में अनचाहे ख्वाब लगते है तैरने । ऐसे…
“आपदा आन पड़ी “
“आपदा आन पड़ी “ विकट आपदा आन पड़ी ,सकल विश्व घबराया है काल का भेष रख कर के , कोरोना वायरस आया है वुहान की पैदा इश ये, विश्व के लिए बड़ा खतरा है छूने से होते संक्रमित ,बीमार भयंकर करता है भीड़ से दूरी बना कर, बचानी अपनी काया है काल का भेष रख…
बापू की अमर कहानी
बापू की अमर कहानी आओ बच्चों तुम्हें दिखाये , स्वतंत्रता की अजब ग़ज़ब ये गाथायें हैं बापू की ये अमर कहानी हैं ! नोटो की हरियाली में आज भी छाये रहते हैं ! आओ बच्चों तुम्हें दिखाये , आज़ादी बलिदानो की ये सुंदर गाथा ! अपनी माता से बढ़ कर थी , मातृभूमि की रक्षा…
यू आर माय वैलेंटाइन
यू आर माय वैलेंटाइन लम्हा इक छोटा सा फिर उम्रे दराजाँ दे गया दिल गया धड़कन गयी और जाने क्या-क्या ले गया वो जो चिंगारी दबी थी प्यार के उन्माद की होठ पर आई तो दिल पे कोई दस्तक दे गया उम्र पहले प्यार की हर पल ही घटती जा रही उसकी आँखों का ये…
मां के सपने
“मां के सपने” कितने सपने संजोए थे तूने, हम सबके संग, कितने सपने थे तुम्हारी आंखों में, कितनी कल्पनाएं थी, तुम्हारे आंखों में चमक, जिन्दगी जीने की ललक, एक उल्लास मन में लिए, सबको संवारा बड़ी लगन से, अपनी सजग नयन से, कई सपने भी टूटे, फिर भी !! तुम मुस्कुराती रही, हम-बच्चों के संग,…