शैल अग्रवाल की कविताएं

शैल अग्रवाल की कविताएं   1.प्रेम में अक्सर शब्द जो कभी कहे ही नहीं गए साफ-साफ सुने जाते हैं जैसे बारिश की बूंदें गिरती हैं रेगिस्तान में खो जाने को धीरे धीरे जैसे भूखे की आँख में आ जाती है चमक रोटी की आस में जैसे प्रार्थना में शब्द उच्चारते हम मंत्र की तरह पर…

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ललिता वर्मा की कविताएं

ललिता वर्मा की कविताएं 1.साथ दोगे हमेशा तुम कभी भी मुझ को बिखरने न दोगे है मुझे ये यकीं साथ दोगे हमेशा तुम कभी भी………. जब कभी राह की ठोकरों से गिरूं तो फिर से उठकर संभलने की हिम्मत भी दोगे तुम कभी भी ……. जब कभी भी अवसाद घेरेगा मुझ को गीत बनकर ह्रदय…

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मंजुला अस्थाना महंती की कविताएं

  मंजुला अस्थाना महंती की कविताएं   1.तृषित आत्मा   नैन बावरे इत उत् निहारे न जाने किस को पुकारे प्यासे नैना मरम न जाने तृष्णा क्योंकर ना पहचाने   अनजानी अव्यक्त सी मूरत कैसी होगी उसकी सूरत मन में हल चल फ़िर भी बेकल   तिष्णगी सी बढ़ती जाती हर क्षण, पल पल उत्सुकतावश…

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हिन्दी दिवस : चुनौतियां व प्रोत्साहन

हिन्दी दिवस : चुनौतियां व प्रोत्साहन आजादी के 76 वर्ष पूरे हो गए परन्तु हिन्दी राजभाषा से राष्ट्रभाषा का सफर नहीं तय कर पाई। विविध भाषाओं एवं संस्कृतियों की संगमस्थली भारत में आज की वर्तमान तिथि तक हिंदी जन – जन की भाषा है भी नहीं।कई प्रांतों में उनकी स्थानीय भाषाएं ही जन को जन…

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सच्चा साथी

सच्चा साथी रीना मण्डल के घर से जोर जोर से लड़ने झगड़ने की आवाज़ आ रही थी । रात के सन्नाटे में तो आवाज़ और भी तेज सुनाई देती है।कुछ देर के बाद आवाजें बन्द हो गयी और रीना के रोने की हल्की-हल्की सी आवाजें आने लगीं । यह उनकेे घर की लगभग हर तीसरे-चौथे…

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वही होगा मेरा पति

वही होगा मेरा पति कड़कड़ाती धूप में मेहनत करती यमुना पसीने से तर-बतर हो रही थी। तभी खाना खाने की छुट्टी हुई। इतने शरीर तोड़ परिश्रम के बाद उसे जोरों की भूख लगी थी। आज माँई ने क्या साग भेजा होगा, सोचते हुए उसने अपना खाने का डब्बा खोला। वह देखकर हैरान रह गई कि…

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पूर्णाहुति

पूर्णाहुति “आज बदन टूट रहा है।रात को सिर्फ दूध ही दे देना”, ८५ वर्षीय बृजभूषण जी ने श्याम सुन्दर से कहा।श्याम और बृजभूषण के बीच कोई सांसारिक रिश्ता नहीं था। बृजभूषण जी, जिन्हे परिचित प्यार से बाबू जी कह कर सम्बोधित करते थे, अत्यंत लोकप्रिय थे। उन्होंने अपना सारा जीवन एक निस्वार्थ निष्काम भाव से…

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आजादी का अमृत महोत्सव :राष्ट्र प्रथम ,सर्वदा प्रथम

आजादी का अमृत महोत्सव :राष्ट्र प्रथम ,सर्वदा प्रथम   इस वर्ष,15 अगस्त 2023 को भारत ” राष्ट्र प्रथम, सर्वदा प्रथम ” की थीम के साथ 77वाँ स्वतंत्रता दिवस मना रहा है । इसके साथ ही यह खड़ा है-आजादी के अमृत महोत्सव की उत्सवभूमि पर।आज़ादी के अमृत महोत्सव की आधिकारिक यात्रा की शुरुआत 12 मार्च ,…

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भोर की प्रतीक्षा

भोर की प्रतीक्षा आज प्लेटफार्म पर कुछ ज्यादा ही भीड़ थी,शायद कोई रैली जा रही थी..पटना,लोग दल के दल उमड़े चले आ रहे थे ,हाथों में झंडे ,छोटे बड़े झोले,गठरियाँ लादे हुए …मुफ्त में यात्रा कर ,कुछ रूपये बचाने के लिए बेबस मजबूर लोग भी थे।तोकुछ ऐसे लोग भी थे जो रैली के बहाने बिना…

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इंसानियत 

इंसानियत  घर में ख़ासी चहल – पहल थी।रवि ने आफिस से आते ही पूछा , माँ पैकिंग वग़ैरह सब हो गई क्या?सविता जी ख़ुशी से बोली, हाँ -हाँ ,बस रामू मिठाई और फल लाने गया है , आता ही होगा ।हमेशा बाबूजी यानी रमेश जी चुपचाप चश्मा पहन कर अख़बार हाथ में लिए पढ़ते रहते…

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