सूर्योपासना का महापर्व: लोकपर्व छठ

सूर्योपासना का महापर्व: लोकपर्व छठ आस्था की भावभूमि भारत, जहाँ संस्कृतियों की महानदी आकर एकाकार हो जाती है, जहाँ जीवन त्योहारों, लोकपर्वों, परंपराओं की रंगोली से सदैव सुशोभित होता रहता है, ऐसे’ विविधता में एकता ‘ वाले देश की अपनी विशिष्टता है- विविध प्रांतों की अपनी-अपनी क्षेत्रीय संस्कृति, उस संस्कृति के अनुरूप मनाए जाने वाले…

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राष्ट्र निर्माण में चित्रगुप्त-समाज का योगदान

राष्ट्र निर्माण में चित्रगुप्त-समाज का योगदान भगवान श्री चित्रगुप्त जी महाराज कायस्थों के पूर्व पुरुष एवं कुल देवता हैं।(स्कंदपुराण) वह स्वर्ग में धर्मराज के दरबार के महालेखा अधिकारी हैं और प्राणियों के धर्माधर्म कार्यों का लेखा-जोखा रखते हैं। वे मेधा के अधिष्ठाता देवता हैं। उन्हें धर्मराजपुरी का न्यायाधीश कहा जाता है। वह धर्म को जानने…

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प्रकाशोत्सव

प्रकाशोत्सव ताल ठोक रहा तम का दानव लिए अँधेरा मन का दूर खड़ा मानव दिखावे के रोशनी सजती सबके घर – द्वारे मन का तम मिटा ना सका तू मानव, प्यारे ……….. ताल ठोक रहा ………. रात – रात पूरी चला मंज़िल ना पाया लौट बुद्धू घर को आया चला जिस डगर वह भी निकला…

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भाई दूज

भाई दूज पुराने हो गए शब्दों को पुराने हो गए दिन अब न जाने कब लौटेंगे बचपन के वे भाई दूज के दिन पाँच दिन की वह सुनमा गेहमी नन्हे कदमों की वह चहलकदमी पांच दिन के पांच गंध घर के हर कोने में मिठाई की खुशबू भैया राजा बनके राजा ख़ूब जमाये रौब अक्षत…

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यमुना का वरदान

यमुना का वरदान भ्रातृ द्वितीया , भाई दूज, भैया दूज, भाई टीका, यम द्वितीया आदि विविध नाम प्रचलित थे। यह त्योहार कार्तिक मास में शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है।सनातन धर्म में इस त्योहार को भाई-बहन के लिए विशेष महत्वाकांक्षी माना जाता है।  यह पवित्र त्यौहार भाई-बहन के स्नेह को और भी…

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चलो एक दीप जलाएँ हम

चलो एक दीप जलाएँ हम कितनी नीरसता कितनी व्यग्रता से बीते पिछले कुछ महीने धरा पर जो छायी रही अमावस की रात सारी खुशियाँ, सारी तमन्नाएं अनबुझी सी खो चुकी थी अमावस की तिमिर रात में शायद अबकी अमावस की रात, आशा भरी खुशियों की जगमग जोत लेकर आयी है चलो इस दिपावली को अपने…

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उत्तराखंड की दिवाली

उत्तराखंड की दिवाली वर्षों तक उस बैलों की जोड़ी के कंधों पर हल रखकर खेत जोते गए। खेती में दिन-दूनी रात चौगुनी उन्नति होती गई। अपने साथी ग्वारा के साथ ही बुल्ला भी उस घर के लोगों की जान था। लेकिन एक दिन जंगल से घास चरकर लौटते समय बुल्ला की आंख में किसी पेड़…

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रोशनी : इधर-उधर से

रोशनी : इधर-उधर से हमारे देश भारत में इतनी विविधताएँ हैं कि सबको शब्दों में समेटना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है। अब देश के ही कितने नाम हैं – जम्बूद्वीप, भारतवर्ष, इंडिया, हिन्दुस्तान, हिंद और सबके साथ ही कितनी कहानियाँ जुड़ी हैं। दरअसल भारत आस्था का देश है और किवदंतियों का भी। जितने पर्व –…

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दीप जलायें

दीप जलायें कोई न होअन्धविश्वासी ऐसे मानव को सजग बनायें, आओ नव सृजन कर एक युग बनायें, कोई भूखा न सोये ऐसा कुछ कर जायें आओ मिल दीनमुक्त बान्धव बनायें, कोई गरीबी में न जीये, ऐसा निर्धन मुक्त देश बनायें, आओ मिलकर समृद्ध समाज बनायें, कोई न रहे अनपढ़ ऐसा ज्ञान -अलख जगायें, आओ मिल…

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FESTIVAL OF LIGHTS

FESTIVAL OF LIGHTS Diwali the most awaited Hindu festival, Celebrated with lights,family reunion treats, Auspicious prosperity, Joyful activities, Shopping clothes,eatables, gifts, sweets. The one thing we forget is our own country, Blindly purchase lamps,tea candles for divinity, L.E.D. light strings,crackers,plastic facilities, Forget all that money goes to other country’s treasury. Diwali was to be celebrated…

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