संवैधानिक उपचारों की छत्रछाया में भारतीय महिलाएं

संवैधानिक उपचारों की छत्रछाया में भारतीय महिलाएं 26 जनवरी, 2021 को देश का 72 वां गणतंत्र दिवस हमने मनाया। वैश्विक महामारी के तहत बदले हुए परिवेश में इस राष्ट्रीय गौरव दिवस को हम सभी ने अपने-अपने दृष्टिकोण से मूल्यांकित किया, ह्रदय में राष्ट्र के प्रति स्थित अपने -अपने श्रद्धा के भाव के अनुपात में व्यवहार…

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महात्मा गांधी का जीवन विश्व कल्याण के लिए

महात्मा गांधी का जीवन विश्व कल्याण के लिए गांधीजी की कार्य शैली और साधना वसुधैव कुटुंबकम के सिद्धांत पर आधारित रही । गांधी जी के समन्वयवादी सिद्धांत मनुमष्य के विवेक की धुरी हैं । सत्याग्रह और अहिंसा पर आधारित गांधी जी की विचारधारा और कार्यशैली संपूर्ण विश्व के कल्याण का मार्ग प्रशस्त करती है ।…

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गाँधी गुब्बारे वाला

गाँधी गुब्बारे वाला वो देखो देश के कर्णधारो, गाँधी गुब्बारे वाला! चला आ रहा है, फट फटिया पर, बिन लाठी और लोटा, अरे यह तो विद्वान विचारक राष्ट्र पिता हुआ करता था! व्यवसाय बदलकर विक्रेता क्यों बना? वो भी गुब्बारों का? हाँ पूछा था मैंने जुटाकर हिम्मत तो, बेचारा बिफर पड़ा, और कहने लगा, मेरी…

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उम्मीदों का नया दशक

उम्मीदों का नया दशक 2021से 2030 का समय एक नए दशक का आरंभ कितनी नई जिंदगियों की शुरुआत कितनों की सेवानिवृत्ति कितनों के नए कर्तव्य होंगी कितनी नई किलकारियाँ कितनी नई गृहस्थियाँ जो पालने में हैं, नए आयाम गढ़ेंगे जो पा चुके हैं पंख, वृहद आसमान छूयेंगे नये जहान का विस्तार होगा नयी तकनीक का…

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कैसा गणतंत्र कैसी आज़ादी

कैसा गणतंत्र कैसी आज़ादी सोने की चिड़िया कहलाये जाने वाला मेरे सपनों का भारत क्यों बदल गया जहां हर कोई बेहाल जहां हर कोई घायल लादे आज़ादी और गणतंत्र का बोझ बोझिल कांधों पर गणतंत्र कैसा ये गणतंत्र आज़ादी कैसी ये आज़ादी जहाँ आज भी धर्म पर होते बवाल कई न आज़ादी मंदिर की न…

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थोथा लाड़ बंदरिया का

थोथा लाड़ बंदरिया का अम्मा रामसखी की दो बहुएं थीं। बड़ी बहू का नाम सरोज और छोटी का नाम कमला था। दोनों बहुएं एक साथ ही गर्भवती हुईं। यह सोच -सोच अम्मा रामसखी का बुरा हाल था कि एक साथ दोनों बहुओं की सोवढ़ का काम कैसे निपटाएंगी। घर का अब एक काम तो होता…

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आजादी

आजादी क्या?? क्या कहा – ५० रूपये, दिमाग तो सही है तेरा।” काव्या ने जोर से कहा तो रिक्शा चालक ने भी कहा-“हाँ ,मैडम! कुछ अधिक नहीं मांग रहा। पचास रूपये बिल्कुल सही है। मुझे दे दें तो मैं आगे जाऊँ।” काव्या ने कहा “बिल्कुल नहीं दूंगी।२० रूपये लो।अब निकलो यहाँ से।” रिक्शे वाले ने…

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गणतंत्र

गणतंत्र आज घर लौटते हुए शालिनी बहुत थकान महसूस कर रही थी। अगले दिन २६ जनवरी थी, इसलिए वो स्कूल में होने वाले गणतंत्र दिवस समारोह के लिए बच्चों को तैयार कर रही थी। पांचवी कक्षा की क्लास टीचर होने के साथ साथ उस पर स्कूल में होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रमों की भी जिम्मेदारी थी।…

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संप्रभु भारत में गणतंत्र दिवस

संप्रभु भारत में गणतंत्र दिवस प्रत्येक भारतीय के लिए दो सबसे महत्वपूर्ण दिन हैं: १५ अगस्त को मनाए जाने वाला स्वतंत्रता दिवस और २६ जनवरी को मनाए जाना वाला गणतंत्र दिवस। दोनों के बीच बुनियादी अंतर यह है कि १५ अगस्त १९४७ को भारत ने स्वतंत्रता प्राप्त की, लेकिन १९५० में देश के संविधान को…

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हम सुंदर दिखते हैं

हम सुंदर दिखते हैं ट्रिन ट्रिन ट्रिन… मेरी सुबह की शुरुआत ऐसी होती है। सुबह साढ़े छह बजे उठो, गैस पर चाय का पानी चढ़ाओ, उसके खौलने का इंतजार करो। परात में आटा निकालो, उसमें नमक मिलाओ और पानी डालो। फिर उसको धीरे-धीरे गूंथ डालो। चाय का पानी भभक रहा है। चाय की पत्ती डालो।…

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