गुलाब

गुलाब तुम्हें तो पता भी नहीं होगा कि मेरे जीवन का पहला गुलाब जो तुमने दिया था अपने पहले प्रेमपत्र में लपेटकर मुझे उसे अबतक संभाल रखा है मैंने प्रेमपत्र के अक्षर धुंधला गए हैं कागज़ में जगह-जगह उभर आए हैं भूरे, चितकबरे धब्बे और लाल गुलाब की पंखुड़ियां सूखकर काली पड़ गई हैं मैं…

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फ्योंली से अनमोल कोई फूल नही

फ्योंली से अनमोल कोई फूल नही यह तब की बात है जब यह माना जाता था कि हिसंक से हिंसक वन्यजीव भी मानव मांस नहीं खाते हैं। उसी जमाने में एक बहुत प्यारी सी लड़की हुई थी -फ्योंली। उसे प्रकृति से बहुत प्रेम था। यूं ही विचरते-विचरते एक दिन वह किसी जंगल में भटक गई।…

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कथनी और करनी

कथनी और करनी अलार्म घड़ी ने जैसे ही सुबह पांच बजे का अलार्म बजाया,परेश ने आधी नींद में ही घड़ी टटोल कर उसका अलार्म बंद किया।उठ जाऊं- न उठूं , इसी उधेड़बुन में पांच- सात मिनट जाया करके आखिर उठने का फैसला किया। रोज की भांति नित्य कर्म, स्नानादि से निवृत्त होकर पूजा के कमरे…

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डिश वॉशर

डिश वॉशर घर में बर्तन साफ करने की मशीन आने से सभी बेहद खुश थे। गली मोहल्ले के लोग भी उत्सुकतावश चले आते देखने । इस शहर में शायद ये पहला घर होगा जहाँ ऐसी मशीन आई होगी । सुना तो था कि विदेशों में ऐसी मशीनें होती हैं अब अपने देश में भी…! मशीन…

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सूना बैठक

सूना बैठक ना पीड़ा ना बीमारी ना संहार कोरोना लाया है पर्यावरण का बहार हवा स्वच्छ, नदियाँ स्वच्छ , पक्षी विचरण कर रहे स्वछन्द, ईश्वर की मार देख इंसान, कल तक जो करता था अहंकार, आज वही इंसान दुबक कर बैठा है आज बेबस, चक्र है यह ईश्वर का कि………….. जिंदगी ने दिखाया ये रंग…

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कोरोना का कमल

कोरोना का कमल एक ऐसी बीमारी जिसने आदमी के शरीर को ही नहीं संवेदनाओं को भी संक्रमित किया है उसका उदाहण चारदीवारियों में क्वारंटाइन हुए हर मनुष्यों के भावनाओं के टेस्ट रिपोर्ट से मिल रहा है। इस कोरोना काल में जब अपने अपनों से दूर हैं वैसे में पराए का अपनापन जीवन और जज्बातों को…

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Glory Of India

Glory Of India May old glory of India always wave, Above tumult in three colours fray, Honour great heroes who are brave, Standing by the ethical justice stay. Rich traditions and heritage true, Robust hearts everywhere rule, Symbol of prayers bear their fruits, Battles are won based on the truth. May haters of our land…

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भूख

भूख मुझे बेशक गुनहगार लिखना साथ लिखना मेरे गुनाह, हक की रोटी छीनना । मैंने मांगा था, किंतु, मिला तो बस, अपमान, संदेश, उपदेश, उपहास, और बहुत कुछ । जिद भूख की थी, वह मरती मेरे मरने के बाद । इन, अपमानों, संदेशों, उपदेशों, उपहासों, से पेट न भरा, गुनाह न करता तो मर जाता…

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शराबी

शराबी “चलो – चलो, जल्दी -जल्दी लादो… कंबल सब लदा गया न, और खाने का पैकेट….” वार्ड पार्षद के प्रत्याशी गाड़ी में सामान लदवा रहे थे । गाड़ी के ऊपर चिपके हुए पोस्टर, पेंट किये हुए चुनाव चिन्ह और लटकाए हुए बैनर ने गाड़ी के आकार, ढ़ांचे और रंग को उसी तरह से ढ़ंक रखा…

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कैसे मनाएँ

कैसे मनाएँ कैसे मनाएँ आज़ादी का जश्न..? कैसे भुलाएँ कोरोना के ग़म…? विश्व पुरुष जब अश्रु बहाता हो, कैसे भारत माँ का श्रिंगार करें हम .. कैसे भुलाएँ कोरोना के ग़म। मानवता पर जब घना संकट मंडराता हो, जीवन ,मृत्यु से दया की भीख माँगता हो, मृत्यु का तांडव अविराम चलता हो.., हर गली-मोहल्ले में…

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