बसंत

बसंत “सकल बन फूल रही सरसों, टेसू फूले अम्बुआ बौरे, कोयल कूकत डार डार, और गोरी करत सिंगार, मालनियाँ घरवा ले आयी करसों।” अमीर खुसरो का जाना माना कलाम, जो उन्होंने तेहरवीं और चौदहवीं शताब्दियों के बीच लिखा, और जो आज भी संगीत प्रेमियों के मानस में गूँज रहा है | राग बहार में लयबद्ध…

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प्रेम कहानी

प्रेम कहानी प्रेम कहानी अपनी साजन कैसे तुम्हें बताऊँ रे। तू बैठे हो पास जो मेरे, मैं कुछ कह ना पाऊँ रे। नयना जो बतिआये साजन, अधरों से लग जाऊँ रे। मैं देखूँ जो दर्पण में तो, जाने क्यों शरमाऊँ रे। रहूँ अकेले में जो साजन, खुद से क्यों बतियाउँ रे। पता नहीं क्यों हुई…

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Another Taj Mahal

Another Taj Mahal Nestled below the lower Himalayas and the Barail ranges are the emerald green hills of Mizoram. Verdant forests, azure blue sky, brown and green rolling hills and sparkling waterfalls impart this magnificent land of the Mizos (Ram means land in Mizo) a unique charm. Sandwiched between Tripura on its west and Myanmar…

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सैनिक का संदेश

सैनिक का संदेश घर से निकला था, मादरे वतन की हिफाजत में। मेरे इरादे और हौसलों में, जीत का ही जुनून था। ये तो मिट्टी का कर्ज़ था, जो लहु देकर जा रहा हूँ । सौंप कर जा रहा हूँ , ये वतन तेरे हाथ में, ए- मेरे नौजवान साथियों । मैं सरहद देखता हूँ…

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कैसी कायरता

कैसी कायरता रावण के वंशज , तुमने यह कैसी कायरता दिखलाई है पीठ में छुरा घोंपकर, कैसी हैवानियत दिखलाई है चवालीस घर का दीपक बुझाकर, यह कैसा अन्याय किया पुलवामा की धरा पर यह कैसी क्रूरता दिखलाई है वीर सपूतों का बदला लेकर रहेंगे शहीदों की शहादत लेकर रहेंगे कैसी छीना -झपटी चाल है तेरी…

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