सरिता सुराणा की कविताएं

सरिता सुराणा की कविताएं १.आओ अमृत महोत्सव मनाएं आओ अमृत महोत्सव मनाएं आजादी की गौरव गाथा गाएं। याद करें आजादी के रणबांकुरों को गुमनामी के अंधेरों में खोए उन वीर शहीदों को श्रद्धानत हम शीश नवाएं। आओ अमृत महोत्सव मनाएं।। न भूलें बाल, पाल और लाल के साहस को भगतसिंह, राजगुरु और सुखदेव के बलिदानों…

Read More

मंजु श्रीवास्तव ‘मन’ की कविताएं

मंजु श्रीवास्तव ‘मन’ की कविताएं १.चाँद  चाँद के रूप का क्या कहना है , चाँद आसमां का गहना है , रात निखरती चाँद के संग में, क्योंकि वह उसकी बहना है।   चाँद न होता, अमा न होती, बस तारों की सभा ही होती, बुझा बुझा सा गगन सिसकता, कभी रात फिर जवाँ न होती…

Read More

ऋचा वर्मा की कविताएं

ऋचा वर्मा की कविताएं १.इस बार का बसंत इस बार के बसंत में खिले पलाश ने, बिल्कुल नहीं लुभाया हमें ये पलाश के फूल लगते हैं छींटे से रक्त के, पत्रविहिन पलाश के गाछ, मानो देहविहिन बहते लहू, न है इंतजार अमलतास के पीले फूलों का, जो चमका करतें हैं सोने की तरह, आजकल भय…

Read More

डाॅ उमा सिंह किसलय की कविताएं

डाॅ उमा सिंह किसलय की कविताएं १.मैं धार हूँ नदिया की मैं धार हूं नदिया की रंग तरंग में बहती हूं संग संग दो किनारों के मैं बीच में बहती हूं है जटिल बहुत पथ ये अवरोध कई पग में धारा टकराती है हर संकट से मग में नदिया की सनक यही सागर से मिलना…

Read More

रचना उनियाल की कविताएं

रचना उनियाल की कविताएं १.संकल्पों की निष्ठाओं के भू नंदनवन के सौरभ से ,सकल जगत महकायेंगे। संकल्पों की निष्ठाओं के ,पुष्प धरा खिल जायेंगे।। विगत काल की रेखाओं पर ,हम नव रेखा खींचेंगे। सदियों के माता गौरव को ,कण कण में अब सीचेंगे।। शाश्वत संस्कारों की जय को ,जन मन तक पहुँचायेंगे। संकल्पों की निष्ठाओं…

Read More

अनु बाफना की कविताएं 

  अनु बाफना की कविताएं  1.मशाल सी कलम प्रखर हो सूर्य किरणों-सा,तपिश से लोह भी पिघले । करे जो सत्य-आराधन,खरा सोना सदा उगले । दिखे जब राष्ट्र खतरे में, कि तीरों की करे वर्षा । बहे जब लेखनी ऐसी,सितारा देश का उजले । रचा साहित्य ऐसा था,लगे वनराज की गर्जन। जगाये ओज तन-मन में, उफन…

Read More

डॉ जसबीर कौर की कविताएं

डॉ जसबीर कौर की कविताएं 1.नारियां मानवता का गौरव, वात्सल्य प्रेम सौरभ, सृजन की मृदुल परिभाषा हैं ये नारियां सहिष्णुता को निहित कर, शक्ति पराकाष्ठा बन अद्भुत करूणाकलित अभिलाषा हैं ये नारियां। मानवता का गौरव…..   जीवन सुरभित करें , प्रेम सानिध्य बन पीयूष शक्ति सी ,जग उत्थान करें नारियां ईश की ये प्रतिध्वनि, धर…

Read More

डॉ जया आनंद की कविताएं 

डॉ जया आनंद की कविताएं  1.धरती धरती नेह से लरजती है संवरती है उपजाती है सरस जीवन , सहन करती है बोझ उपेक्षा का, घृणा का और अति होने पर कम्पित हो जता देती है अपना आक्रोश नहीं ..अब और नहीं 2.लड़कियां लड़कियां सहेज लेती हैं घर परिवार रिश्ते-नाते ,मित्र और अपना अस्तित्व लड़कियां द्वार…

Read More