जय श्री राम
जय श्री राम राम जी की शरण में चले आइए प्रेम प्रभु जी से सच्चा सभी पाइए कौन अपना है संसार में ये कहो राम जी के ही गुण बस सदा गाइए राम जी सबके दुख आप हर लीजिए और सब पर दया आप अब कीजिए पाप सबने किए हैं बहुत ही यहाँ…
जय श्री राम राम जी की शरण में चले आइए प्रेम प्रभु जी से सच्चा सभी पाइए कौन अपना है संसार में ये कहो राम जी के ही गुण बस सदा गाइए राम जी सबके दुख आप हर लीजिए और सब पर दया आप अब कीजिए पाप सबने किए हैं बहुत ही यहाँ…
मेरे राम आ गए मेरे राम आ गए प्रभु फिर लौट कर अपने अयोध्या धाम आ गए मुकुट माथे सजा कर अब मेरे श्री राम आ गए जगमग हुई अयोध्या नगरी प्राण प्रतिष्ठा हो रही ग्रहण है पांच सदियों का व्यथा उर की पुरानी है हुआ अवतार सरयू पर दबी इक इक निशानी…
जय श्री राम आई है बेला अति पावन घर आ गए मेरे रघुनंदन बह रही भक्ति की है धारा राममय हुआ है जग सारा भगवा ओढ़ लिया नील गगन ने रच दिया इतिहास आज धरा ने बिगुल बज गई अब राम युग की हुई प्राण-प्रतिष्ठा राम लला की देख मूरत श्री राम…
आये मेरे प्रभु राम आज अयोध्या नगरी सजी दीपों से है राम हर दीप में जगमग करता है प्रभु का नाम धरती पुण्य दिशायें गुँजे देखो ये आकाश पावन सरयू लहर कहे पुनीत हुआ ये काम । पुण्य दिवस माघ द्वादशी आये मेरे राम घर घर उत्सव गीत हो रहा आये प्रभु राम…
राम बनना है हमें है अयोध्या राममय, सिया-राम,लक्ष्मण आ रहे। संग में हनुमत पधारे भक्त जन गुण गा रहे । राम के दरबार से अक्षत सुहाने आ गए । भव्यता का भाव भरकर सब दीवाने आ गए। राम को मन में बसाकर धर्म का पालन करें, क्या है मर्यादा ये सीखें , जो यहाँ शासन…
Alicja Maria Kuberska’s poems 1.The Beginning of Spring The Earth like a mother is so kind and caring. In spring, she brings flowers to life She kisses bulbs, seeds and rootstocks and invites them to peek out from under the turves. She lets trees dress up in buds and juices circulate on branches. She summons…
Alicia Minjarez Ramírez’s poems 1.NOCTURNAL SUN There, where the wind fades away The sky waves its own branches Retouching icy mornings In the shades, Blackbirds and pigeons flapping And disturbing the sky. I aimlessly wander through. Every corner evokes Spiral lines of perpetually Ever written sonnets, Unveiled brides Blur the color lines Upon vacant altars….
Elisa Mascia’s poem A kiss in the air. The freezing air of February, the month of love, is warmed by the energy of feeling the aroma of fragrant violet expands the heart beats of man and nature. Words shouted to the universe that echoes as a reflected image in the mirror it is almost…