एक पत्र पिता के नाम
एक पत्र पिता के नाम (मेरे पापा जिनको मैंने कोरोना काल में खो दिया उनको समर्पित) कलम से एक पत्र लिखा है आज लिखा है उनको जो हैं शायद नाराज़ तभी तो अब नहीं कभी आती उनकी आवाज़ जाने कहां चले गए वो जिनपर था मुझको नाज़ न किया कोई गिला न शिकवा किया मुझसे…