एक पत्र पिता के नाम

एक पत्र पिता के नाम (मेरे पापा जिनको मैंने कोरोना काल में खो दिया उनको समर्पित) कलम से एक पत्र लिखा है आज लिखा है उनको जो हैं शायद नाराज़ तभी तो अब नहीं कभी आती उनकी आवाज़ जाने कहां चले गए वो जिनपर था मुझको नाज़ न किया कोई गिला न शिकवा किया मुझसे…

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एक पत्र

एक पत्र प्यारे पापा वैसे तो हर दिन आप मुझे याद आते हो सारे दिन आपके है ऐसा कौन सा दिन है जो आप याद नही आते । आज भी आपकी बड़ी- बड़ी , भरी -भरी आँखे मुझे देखती नजर आती है ।आज भी आप मेरे साथ हो ।आपकी आवाज़ आज भी कानों में गूंजती…

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पापा

पापा अंगुली थाम के बहुत चलाया पापा तुमने, जब-जब गिरा मैं बहुत प्यार से उठाया तुमने, मेहनत कर दिन-रात था पापा पढ़ाया तुमने, हरदम सच्ची राह पे चलना सिखाया तुमने। जब-जब ठोकर लगी यही था सिखाया तुमने, देखके सामने चलो पाठ ये पढ़ाया तुमने, जब रस्ते में मुश्किल आई रोक के मुझको, धैर्य और विश्वास…

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कैसे लिखूं तुम्हें मैं

कैसे लिखूं तुम्हें मैं कैसे लिखूं तुम्हें मैं, कैसी तस्वीर बनाऊँ? मन और काय की भाषा, परिभाषा लिख न पाऊँ। उंगली थाम सिखाया चलना, सतपथ की दिशा बताई। साहस नित ही रहे बढ़ाते, तुमने जीत की राह दिखाई। हर कठिनाई सरल बनी, हर सम्भव हल बतलाया। संस्कार भरे संस्कृति सिखलाई, स्वाभिमान का अर्थ बताया।। उसी…

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एक सख्त खलनायक

एक सख्त खलनायक धूप में बहते अपने पसीने, कठोर परिश्रम और पीड़ा के लिए वह देखना चाहता था उसकी आँखों में प्रेम, आर्द्रता और करुणा परन्तु वह देखता था रूखापन, कठोर अनुशासन और धैर्य क्योंकि पिता जानता है कि दुनिया निर्मम, निर्मोही और निष्ठुर हैं बच्चों के लिए जरूरी है माँ की छाया में रहते…

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श्रद्धांजलि

श्रद्धांजलि आदरणीय पापाजी, सादर नमन”राधे-राधे” अत्र कुशलम तत्रास्तु!के उपरांत आगे समाचार यह है कि मैं इस दुनिया में ठीक हूं और उम्मीद करती हूं आप भी तारों की दुनिया में कुशल से होंगे। पापा मन अक्सर अकेले में बैठकर आपसे बातें करता है,वह चाहता है आपसे खुल पर बातें करें लेकिन अब आप… एक टीस,एक…

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मेरे पापा

मेरे पापा कई बार जब मतलबी बनना चाहा, मेरे पापा की परछाईं ने मुझे बनने नहीं दिया ।। कई बार जब खुद को दोराहे पर खड़ा पाया, मेरे पापा की सीखों ने सही राह ही चुनवाया।। हर परिस्थिति में ढलना, हर संघर्ष से जूझना इस लायक पापा ने ही बनाया ।। ईमानदारी और सच्चाई के…

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पिता के नाम पत्र

पिता के नाम पत्र पूज्य पापा, सादर प्रणाम सबसे पहले आपको मैं पितृदिवस की हार्दिक शुभकामनायें देते हुये ईश्वर से आपके उत्तम स्वास्थ्य की कामना करती हूँ ।सुबह सबेरे जब हमने आपसे फोन पर बात की थी तब आपको उन खतों की याद दिलाई थी जो हमनें आपको लिखे थे बहुत लम्बे लम्बे खर्रों के…

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मैं आप की बेटी हूँ

मैं आपकी बेटी हूँ मैं उन सब बेटियों की तरफ से लिख रही हूँ जिन्हें अपनी बात रखने का कभी मौका नहीं मिला। कभी संकोचवश, कभी आदतन। घर की दहलीज के भीतर रहने वाली बेटियाँ, कदमताल पर आगे चलने वाली बेटियाँ — कुछ व्यथाएँ अनकही रह गई। लेकिन बाबा, अब्बू, बाबू जी, पापा की लाड़ली…

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