DEFINITENESS OF PURPOSE

DEFINITENESS OF PURPOSE Floating thoughts in reverberations, are gently flickering on the screen of our visions. I’m just downloading a beam of stars and inhaling diamond stream from my heart. Hey, you little boy, pulsing inside here, are you happy to be seen on your purple screen? Or, at least, you’re breathing a misty awakening…

Read More

मेरे पापा सुपरमैन

मेरे पापा सुपरमैन फादर्स डे पर पापा, चलो मैं एक कविता सुनाती हूं। क्या हो आप हमारे लिए यह दुनिया को बदलाती हूं। हमारे पापा सुपरमैन हर विपदा से लड़ जाते हैं। हो जाए हम वीक तो स्ट्रांग उन्हें हम पाते हैं। घर समाज और रिश्तेदारी बखूबी निभाते हैं। वो हमारे पापा जी, जो माथुर…

Read More

My Dad

My Dad Dear Dad, I thank you! To me it was told, of times before I could remember, How on Sundays Dad used to feed me. Once I blew a mouthful of spinach on him And his white, starched ironed Sunday cotton shirt, Turned out looking spotted, with dark green spots. Spinach I didn’t like,…

Read More

पिता एक उम्मीद

पिता एक उम्मीद पिता -चाँद सितारों में निखर उम्मीद की किरण बन जाते है। नई उम्मीद के साथ ख़ुशियों जहाँ बसा जाते हैं । पिता,पिता के प्यार से गूँजती सारा भु मंडल हैं । उदगार सजा रखा धरती मैया है । पिता- बच्चों के दिल किताबों में प्यार सजा रखा हैं । पन्ने की हरकत…

Read More