हल्की सी एक रोशनी

हल्की सी एक रोशनी नया एंटी रेप एक्ट पर राष्ट्रपति की मंजूरी की मोहर लगते ही महिलाओं के साथ होने वाले हर तरह के अपराधों के लिए कड़ी सजाएँ तय हो गई हैं। सुधार के बाद इस विधेयक को पारित किया गया है ।एंटी रेप कानून ने आपराधिक कानून संशोधन अधिनियम 2013 के रूप में…

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फ़ातिमा शेख़

    फ़ातिमा शेख़ स्त्रियों की शिक्षा, उनके अधिकार एवं दलितों के पुनरुत्थान के लिए कार्य करनेवाली एक मज़बूत कड़ी के रूप में दक्षिण भारत की प्रथम मुस्लिम महिला राष्ट्रमाता फ़ातिमा शेख़ को शायद आज इतिहास भुला चुका है, लेकिन दलितों-पिछड़ों और गरीबों के दिलों में वो युगों-युगों तक जीवित रहेंगी। फ़ातिमा शेख़ सावित्रीबाई फुले…

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लिखती तो तू है ज़िन्दगी

  लिखती तो तू है ज़िन्दगी मैंने तो सिर्फ पकड़ रखा है हाथ में कलम , लिखती तो तू है ज़िंदगी ! देखा जाए तो लिखने वाले हर विधा पर कलम चला ही लेते हैं, पर जब बात खुद पर लिखने की हो तो यह बात रोचक भी हो जाती है और तनिक जोखिमपूर्ण भी…

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धनेसर की व्यथा

धनेसर की व्यथा आज धनेसर बहुत परेशान है। उसने अपनी बेटी की शादी तय कर दी है पर आज बेटी के भावी ससुराल से शादी में 5000/- की मांग का सन्देशा आया है, वरना शादी नही होगी। वह बार-बार अपनी प्यारी बेटी का मुँह देखता और मन ही मन अकुला रहा है। उसके पास इतने…

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हरेला

हरेला आज सोलह जुलाई है। इस दिन हमारे उत्तराखंड का राजकीय पर्व हरेला मनाया जाता है। पर्व की परंपरा यह रही है कि परिवार के मुखिया एक टोकरी में मिट्टी डालकर उसमें गेहूं, जौ, मक्का, उड़द, गहत, सरसों, चना बो देते हैं। नवें दिन डिकर पूजा यानी गुड़ाई होती है। दसवें दिन हरेला काटा जाता…

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एक खत मेरे डैडी के नाम

एक खत मेरे डैडी के नाम लोग कह रहें हैं आज पिता दिवस है आज बेशक आप हमारे बीच शारीरिक रूप से नहीं आप तना बन कर रहे मेरे जीवन वृक्ष का वो सुबह पार्क से चमेली के फूलों को तोड कर लाना और मेरे सिराहाने रख उनकी खुशबू मुझे जागने पर मजबूर कर देना…

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काहे बिहाए बिदेश

काहे बिहाए बिदेश गाँव का चबूतरा जो हमेशा गुलजार रहता था, आज सुनसान है। वहाँ हमेशा एक भीड़ हुआ करती थी, खोमचे वाले, बस पकड़ने वाले, फेरी वाले। सुस्ताने की एक वही जगह थी। पीपल का बड़ा पेड़ और चारों तरफ बड़ा चबूतरा। एक हैंड पम्प भी लगा हुआ है। दरअसल कल ही सरकारी दफ्तर…

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हेयर केयर- मानसून

गर्मी के बाद मानसून वाला मौसम सभी को बहुत सुहाना और रोमेंटिक लगता है। इस बारिश को देखते ही इसमें भीगने का मन करता है। लेकिन बारिश में भीगने से बालों को काफी नुकसान पहुंचता है क्योंकि यह मौसम बहुत चिपचिपा और ऑयली होता है। इसमें बाल बहुत जल्दी गंदे और ऑयली हो जाते हैं।…

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