बूढ़ी काकी

बूढ़ी काकी हिंदी कहानी विधा में मुंशी प्रेमचंद का नाम सर्वोपरि है | मानव समाज की अनुभूतियों संवेदनाओं, एवं व्यवहार का यथार्थ चित्रण करती हुई प्रेमचंद जी की रचनाएं पाठक के हृदय को सीधे स्पर्श करती हैं | पाठक स्वयं को कहानी का एक पात्र समझकर उन कहानियों में खो सा जाता है | आगे…

Read More

सम्मान

सम्मान कुली ने मनोरमा से रुपये लिए और अपनी पहली बोहनी को मस्तक पर लगाकर ट्रेन से नीचे उतर गया | खुशी के कमल मन में सजाए मनोरमा पहली बार छब्बीस जनवरी के कार्यक्रम में शामिल होने के लिए इलाहाबाद से दिल्ली जा रही थी | पास वाली सीट पर बैठा युवक मोबाइल में न…

Read More

नमक का दरोगा

नमक का दारोगा हिंदी साहित्य के इतिहास में उपन्यास और कहानियों की बात हो और मुंशी प्रेमचंद का नाम न हो ऐसा हो ही नहीं सकता है। प्रेमचंद युगांतकारी कथाकार हैं ।इनकी कहानियों में किसानों की दयनीय दशा सामाजिक बंधनों में तड़पती नारियों की वेदना वर्ण व्यवस्था का खोखलापन हरिजनों की पीड़ा आदि का बड़ा…

Read More

करिआ फुआ

करिआ फुआ माँ, आज करिया फुआ नहीं आई ? मैं शहर से उनके लिए उनके मनपसंद रंग की साड़ी लाया हूँ । सुमित मैं तुम्हें बताना भूल गई थी वह पिछले दो हफ्ते से घर पर नहीं आ रही है बहुत बीमार है। ठीक है, मैं उनके घर जाकर ही उनसे मिल कर आता हूँ।…

Read More

बूढ़ी काकी

बूढ़ी काकी हिंदी कहानीकारों में मुंशी प्रेमचंद जी का प्रमुख स्थान है। उनकी कहानियां निम्न वर्ग को दर्शाती है। मानव समाज और जीवन के यथार्थ को दिखाना है उनकी कहानियों को विशेष बना देता है ।उनकी सभी कहानियां मर्मस्पर्शी है पर मुझे उनकी कहानी “बूढ़ी काकी” बहुत पसंद है। यह सामाजिक समस्या पर केंद्रित उत्सुकता…

Read More

कलयुगी सावित्री

कलयुगी सावित्री रोज की तरह उस दिन भी धनिया काम करने आई तो बहुत बुझी बेजान सी दिख रही थी ।मैं अभी अभी स्कूल से लौटी थी इसलिए मैंने उस पर ध्यान नहीं दिया वह जूठे बर्तन उठाकर उन्हें साफ करने चल पड़ी ।मैं थोड़ी देर आराम करने के लिए बिस्तर पर लेट गई अक्सर…

Read More

संवाद

संवाद “अरि ओ पिंकी,सुना है तेरे पड़ोस में एक नई फैमली रहने आई है,कैसा है वह परिवार?” रिंकी ने घर मे घुसते ही अपनी सहेली पिंकी से पूछा। पिंकी अपनी प्यारी सहेली को देख बहुत खुश हुई,और बोली” मैं सोंच ही रही थी तुम्हें इस नये पड़ोसी के विषय में बताऊँ, जैसा कि तुम्हें पता…

Read More

निर्मला

निर्मला मुंशी प्रेमचंद की रचनाएं आम जनता से जुड़ी हुई है।आम आदमी क्या सोचता है,वह कैसे अपने जीवन को संभालते हुये एक एक कदम वह अपनी मंजिल की ओर बढ़ता है,इसका सुंदर चित्रण प्रेमचंद ने अपने सभी कथाओ में किया है। मैं प्रेम चंद की सारी पुस्तके पढ़ी हूँ, आज से करीब 35 साल पहले…

Read More

आदर्श सास

आदर्श सास रविवार का दिन था। बच्चे पिक्चर चलने की ज़िद कर रहे थे पर आज मेरी कहीं जाने की इक्छा नहीं हो रही थी। दस दिनों से गाड़ी का पेपर खोज खोज कर घर मे सब परेशान हो गए थे। गाड़ी बेचनी थी औऱ पेपर मिल नही रहा था। दिमाग उसी में उलझा हुआ…

Read More

कथा सम्राट मुंशी प्रेमचंद

कथा सम्राट मुंशी प्रेमचंद मुंशी प्रेमचंद जी इस युग के महान कथा सम्राट हैं । मुझे सबसे ज्यादा प्रभावित उनका जीवन परिचय करता है। आदर्शोनुमुख, यथार्थवाद , प्रेमचंद साहित्य की मुख्य विशेषता है । इनके जीवन का सफर बहुत कठिन था पर उनका आत्मबल ,उनका आत्मविश्वास ,इतना प्रबल था कि उन्होंने हर आंधी तूफान को…

Read More