शहादत के खुले -अधखुले पन्ने

शहादत के खुले -अधखुले पन्ने विद्रोह ,गदर, क्रांति-इन शब्दों के अर्थ कभी भी बहुत स्पष्ट नहीं रहे। जुल्म के खिलाफ समय-समय पर फूटे जन असंतोष को यदि शासकों , शासितों ने अलग- अलग नाम दिए तो इसका कारण स्पष्ट है-दोनों की मंशा अलग होती है, उद्देश्य अलग। जिस विद्रोह को विप्लव, गदर, राजद्रोह कहकर जुल्मी…

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मूक बलिदान

मूक बलिदान अंग्रेज सेनापति जनरल ‘हे’ आश्चर्य से भर उठे। महल को भस्म कर देने का आदेश उनके होठों तक आकर रुक गया था। महल के बरामदे में एक अत्यंत सुंदर अल्पवयस्क बालिका खड़ी थी। मुखमंडल पर तेज और गाम्भीर्य। अब तक कहाँ थी यह ?पूरा महल तो छान मारा था। कहीं कोई नजर नहीं…

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वीर स्थली का सिंह नाद

वीर स्थली का सिंह नाद 1 जुलाई, 2016 को भारतीय सेना की एक महत्वपूर्ण पलटन ‘9 पैरा स्पेशल फोर्सेस’ अपना 50वाँ स्थापना दिवस बड़े उत्साह और गर्व के साथ मना रही थी | सेना से सेवा निवृत हुए बहुत से अधिकारी भी सपरिवार इस महाकुम्भ में भाग लेने के लिए देश- देश से आए हुए…

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सुधा मूर्ति

सुधा मूर्ति बीते 75 सालों में हमने हर वर्ष देश की आज़ादी का जश्न मनाया है और हम उन सभी वीर-वीरांगनाओं को याद करते रहे हैं, जिन्होंने देश की आज़ादी के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया। उन सभी पुण्यात्माओं को मेरा नमन। आज कुछ अलग करते हुए हमें उन लोगों को भी याद करना…

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विस्मृति के गर्भ से: रानी रासमणि

विस्मृति के गर्भ से: रानी रासमणि याद कीजिए उन्नीसवीं सदी के मध्य को। भारत का गौरव विदेशी शक्तियों द्वारा रौंदा जा चुका था। समाज गरीबी और जहालत में डूबा हुआ था। समाज तमाम कुरीतियों, अंधविश्वास में आकंठ डूबा हुआ था। वर्ग, जाति और लिंग का विभाजन बहुत स्पष्ट और क्रूर था। समाज पूरी तरह पुरुषसत्ता…

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उनको ना भूल पाएँगे

उनको ना भूल पाएँगे स्वतंत्रता के 75वें साल को मनाते हुए अचानक उन सबकी याद आना जरूरी है। उनके त्याग एवम्‌ बलिदान को कैसे भूल सकते हैं। उनकी जवानी को उन्होंने कुर्बान कर दिया। कर्नाटक राज्य में एक परम्परा का परिपालन किया जाता है जिसमें उन स्वतंत्रता सेनानियों को सम्मान दिया जाता है। उनको आमंत्रित…

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श्रीकृष्ण सरल : शहीदों का चारण

श्रीकृष्ण सरल : शहीदों का चारण श्रीकृष्ण सरल के नाम से बहुत से पाठक भले ही परिचित न हों, लेकिन स्वाधीनता संग्राम और क्रांतिकारियों में रुचि रखने वाला हर व्यक्ति उनके नाम से भली-भांति परिचित है। नेताजी सुभाष चन्द्र बोस, भगतसिंह, चन्द्रशेखर आज़ाद, अशफाक़ उल्ला खाँ, राजगुरु और सुखदेव जैसे क्रांतिकारियों और शहीदों के अतिरिक्त…

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वीरांगना आजीजन बाई

वीरांगना आजीजन बाई आजादी की चेतना मनुष्य की मौलिक प्रवृत्ति है । स्वतंत्रता की पहली लड़ाईअट्ठारह सौ सत्तावन मे भाग लेने वाले असंख्य लोगो, किसानों, मजदूरों, फौजियों और सेनानायको के साथ ऐसे पेशे से जुड़े लोग, जिन्हें समाज में बहुत सम्मान जनक नहीं माना जाता है ,के भी सम्मिलित होने और आजादी की बलिवेदी पर…

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हमारी लड़ाई

हमारी लड़ाई नर्स आकर जब कुलवंती के कान में यह कहने लगी तो कुलवंती को मूर्छा आ गई| उसका पूरा शरीर कांपने लगा| … “यह क्या हुआ” कहते हुए वह थहरा कर बैठ गई | कुलवंती को दांत लग गया| नर्स अपना पूरा जोर लगा कर कुलवंती को पकड़ कर सामने पड़े ओसारे के पर…

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