वह

वह — किताबों की जिंदगी से तब्दील हुई जब गृहिणी में आटा-दाल से सम्बंध जो कर बचत का हिसाब लगाना, साड़ी बांधना, पल्लू सम्हालते हुए रोटी बेलना, चूडियों और पायल के बंधनों से बंधना, नये सम्बंधों और संबोधनों को दिनचर्या का हिस्सा बनाना, उसी बीच माँ की प्यार भरी थपकी अपनी जुगनू सी रोशनी से…

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प्रेम का पथ

प्रेम का पथ प्रकृति ने सिखाया प्रेम समर्पित भाव से बंधन मानव से मानव करे प्रेम हृदय देखो बने चंदन। नेह से बने रिश्तों का महकता है सदा प्रकाश प्रेम जोत जगे हृदय में हो जाता मन वृंदावन। ममता के पलने में झूले प्रेम आनंदित हो संतान मात पिता , गुरू सखा प्रेम ही है…

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उसे तोड़ खुश होता क्यूँ है

उसे तोड़ खुश होता क्यूँ है जो आता है जाता क्यूँ है ? और बेबस इतने पाता क्यूँ हैं ? सज़ा मिले सत्कर्मों की यह सोच हमें सताता क्यूँ है ? सच्चाई की राह कठिन है उसपर चलकर रोता क्यूँ है ? है राग वही रागनी भी वही फिर गीत नया भाता क्यूँ है ?…

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बापू की अमर कहानी

बापू की अमर कहानी आओ बच्चों तुम्हें दिखाये , स्वतंत्रता की अजब ग़ज़ब ये गाथायें हैं बापू की ये अमर कहानी हैं ! नोटो की हरियाली में आज भी छाये रहते हैं ! आओ बच्चों तुम्हें दिखाये , आज़ादी बलिदानो की ये सुंदर गाथा ! अपनी माता से बढ़ कर थी , मातृभूमि की रक्षा…

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महात्मा गांधीजी के महत्वपूर्ण विचार

महात्मा गांधीजी के महत्वपूर्ण विचार सर्वप्रथम महात्मा गांधी जी के संबंध में जानकारी ;मोहनदास करमचन्द गांधी (२ अक्टूबर १८६९ – ३० जनवरी १९४८) भारत एवं भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के एक प्रमुख राजनैतिक एवं आध्यात्मिक नेता थे। वे सत्याग्रह (व्यापक सविनय अवज्ञा) के माध्यम से अत्याचार के प्रतिकार के अग्रणी नेता थे, उनकी इस अवधारणा की…

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ओठंगनी

ओठंगनी ———— शुद्ध घी से भरी कड़ाही आटे में गुड़ और घी का मोयन निर्जला उपवास रखी अम्मा के हाथों की प्यार भरी थपकियों से बनी रोटी और कड़ाही में डालते ही फैल जाती थी खुशबू ओठंगन की दादी ने बताया था जितने बेटे होते हैं बनते हैं उतने ही ओठंगन चौखट पर खड़ी हम…

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तुम में ही खुद की तलाश है

तुम में ही खुद की तलाश है लोग कहते है तू मेरी परछाई है मैं कहती हूँ तू मुझमे है मैं तुझमे हूँ ये क्या एहसास है कि तुम में ही खुद की तलाश है ज़ब भी देखूँ तुम्हे मेरा अक्स नज़र आये आइना है मेरा तू ,तुझे देख ही श्रृंगार हो जाये ये क्या…

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तुम में ही खुद की तलाश है

तुम में ही खुद की तलाश है लोग कहते है तू मेरी परछाई है मैं कहती हूँ तू मुझमे है मैं तुझमे हूँ ये क्या एहसास है कि तुम में ही खुद की तलाश है ज़ब भी देखूँ तुम्हे मेरा अक्स नज़र आये आइना है मेरा तू ,तुझे देख ही श्रृंगार हो जाये ये क्या…

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तुम में ही खुद की तलाश है

तुम में ही खुद की तलाश है लोग कहते है तू मेरी परछाई है मैं कहती हूँ तू मुझमे है मैं तुझमे हूँ ये क्या एहसास है कि तुम में ही खुद की तलाश है ज़ब भी देखूँ तुम्हे मेरा अक्स नज़र आये आइना है मेरा तू ,तुझे देख ही श्रृंगार हो जाये ये क्या…

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