Online Food Order In Train

घर पर ही नहीं अब ट्रेन में भी मंगवायें खाना ऑनलाइन – जानें आसान तरीका

क्या आपने कभी पहियों पर रहते हुए अपने पसंदीदा भोजन का एक टुकड़ा ऑर्डर किया ? क्या आप अगली ट्रेन यात्रा में ऑर्डर फूड डिलीवरी करने की योजना बना रहे हैं ? एक विश्वसनीय और अच्छी तरह से मान्यता प्राप्त ई-खानपान सेवा प्रदाता को देखना चाहते है जो भोजन की समृद्धि और स्वाद सहित सभी…

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पर्यावरण में फिर से हरा रंग भरें

पर्यावरण में फिर से हरा रंग भरें आओ मिलकर वैश्विक अर्थव्यवस्था को हम हरित करें, इस बेरंग होते पर्यावरण में फिर से हरा रंग भरें। ग्लोबल वार्मिंग जो हो रहा भूमंडल नाशक है, पेड़ों के काटने से जो बनी स्तिथी नाजुक है. आओ मिलकर कोई उपाए हम त्वरित करें, इस बेरंग होते पर्यावरण में फिर…

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Parthenon Light

Parthenon Light Ηowling wind  shakes your soul, penetrates it, It’s  the miracle of divine creation and inspiration, Called maternal instinct, What nourished you, Woman and  mother, Tireless companion and nurturer of emotions and rebirth, Fighter of life, Stable companion and sustainable resource of cell replacement, Unforgotten, Glorious and holy, You vibrate our universe, You constructively…

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A Successful Woman

A Successful Woman What is success? Is it a subjective feeling of contentment with a job well done? A target achieved and a goal reached after overcoming obstacles? Or is it an evaluation by others, based on certain accepted benchmarks? Is it achievable at every little milestone of life? Or is it a lifetime achievement…

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आवाज

आवाज राधिका ने एक बार फिर घड़ी देखी। बार-बार घड़ी देखने से समय नहीं बदल जाता। इस फैक्टरी में काम करते हुए चार साल हो गए हैं उसे। यहाँ शर्ट बनते हैं और उसका काम है कॉलर लगाना। जब शुरू में आई थी तब केवल कपड़ों के ढेर को ठीक करती थी। फिर धीरे-धीरे काम…

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गणिका

गणिका ‘चरित्रहीन हो, बेगैरत हो, हो निर्लज्ज और कुल्टा’ ऐसे कितने तीर चला कर कहते हो मुझको गणिका ! शफ्फाक वस्त्र में सजे हुये, पर अंदर से उतने मटमैले, रुतबे वाले ,रँगे सियार, इस समाज में हैं फैले ! भूल के अपनी मर्यादा औ’ भूल के पत्नी का वह प्यार , काम पिपासा के कामातुर,…

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मैं भूत बनकर आऊँगी

मैं भूत बनकर आऊँगी मैं भूत बनकर आऊँगी सुनो, मैं भूत बनकर आऊँगी ये जो मैं रोज़ तिल-तिल कर मरती हूँ ना उससे मैं थोड़ा-थोड़ा भूत बनती हूँ मुझे यक़ीन है, मैं जल्द ही पूरा मर जाऊँगी मैं जल्द ही पूरा बन जाऊँगी सुनो, मैं भूत बन कर आऊँगी और तुम्हारी गंदी नज़रों की रेखाओं…

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ढूँड़ो अगर मिलता भी है

ढूँड़ो अगर मिलता भी है तूफ़ाँ भी है ठहरा हुआ, दर पे दिया रक्खा भी है रास्ता भी है, मौक़ा भी है, देखें कोई आता भी है क्या क्या सितम,क्या क्या ग़ज़ब, क्या क्या ख़लिश, क्या क्या तलब अब तो हम ज़िन्दा भी हैं अब तक तो दिल प्यासा भी है हर इक क़दम भटके…

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