एक नई सुबह
एक नई सुबह माना गहरा है रात का अंधियारा, है घोर तमस, नहीं गगन में एक भी तारा, छुप गया चाँद भी, ग़मों की बदलियों में, सुबक पड़ी चांदनी, बादलों का लेकर सहारा। माना तूने खोया प्यार जीवन का, कहां गया वह हँसता चेहरा, वह मीठी बातें, वह साथ तुम्हारा। इस बेरहम महामारी ने, तोड़…