भारत के महानायक:गाथावली स्वतंत्रता से समुन्नति की- सिंधुताई सपकाल
सिंधुताई सपकाल – अनाथों की मॉं “लकीर की फकीर हूँ मै, उसका कोई गम नही, नही धन तो क्या हुआ, इज्जत तो मेरी कम नही!” यह कहने वाली हम सबकी माई सिंधुताई सपकाल जो कि 1400 बच्चों की मॉं है जिसके परिवार में 250 दामाद, 50 बहुएं और 250 गाएं हैं, उन्होंने अंधेरे में डूबती…