रिटायरमेंट

रिटायरमेंट आज फिर उषा प्रियम्बदा की कहानी “वापसी” के किरदार गजाधर बाबू की याद मेरे ज़ेहन में बिजली की तरह कौंध गई। क्योंकि मेरे सामने दूसरे गजाधर बाबू दिखाई दे रहे थे। ४२ वर्ष का विद्यालय जीवन अनुभव कर २००२ में विद्यालय से रिटायर हो रहे थे आशू के पिताजी श्री दीनदयाल सिंह। बहुत खुश…

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अनुत्तरित प्रश्न

अनुत्तरित प्रश्न एक बार फिर… नहीं..नहीं.. इस बार आने दो मुझे। .. क्यों नहीं आने देती हो… मैं आना चाहता हूँ… नहीं वह सब नहीं होगा जिसका तुम्हें भय है… तुम बहुत अच्छी हो। .. वह भी बहुत समझदार है… देखा नहीं उसने अपनी जिम्मेदारियां कितनी खूबसूरती से निभाईं हैं… … माना उसका विश्वास उठ…

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लम्हे

लम्हे वक्त की तेज़ रफ़्तार में जिंदगी भले ही भागती रहे, पर कुछ लम्हे यूँ ही एक जगह पर आकर थम जाते हैं, मानों अंगद का पाँव हो, जिसे आप जरा सा भी हिला नहीं पाते अपनी जगह से। कभी सोचा ही नहीं था कि सत्ताइस साल के एक लंबे, व्यस्ततम, भागदौड़ भरे सफर के…

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जाले

जाले “अरे! धीरे…धीरे।” “हाँ, धीरे ही चल रही हूँ,” चमाचम चमकते टाइल्स की फर्श पर फिसल-फिसल जा रहे थे स्तुति के पैर। मोहित ने उसको कंधों से थाम लिया। “एकदम घबराना नहीं है मिनी।…सिस्टर! डॉ. अमला कितने बजे तक….?” “बस पंद्रह मिनट बाद।” संक्षिप्त उत्तर! रिसेप्शनिस्ट बिजी। बारी-बारी से बजते कॉल को रिसीव करती रिसेप्शनिस्ट…

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भ्रमजाल

भ्रमजाल  हेलो !….सुरीली ?? हां!.. “कौन बोल रहा है?” “आवाज भी नहीं पहचानती हो क्या ?”- कुछ ऊंची आवाज में मानसी बोली। सुरीली सकपकाई और बोली-” यह नंबर सेव नहीं था, मैडम!” “जानती हूं ,मेरा फोन तो तुम उठा नहीं रही हो इसीलिए दूसरे नंबर से कॉल किया। खैर, छोड़ो यह सब , काम पर…

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डरपोक

डरपोक साड़ी के पल्लू को संम्हालती हुई मालती ने पीछे देखा। रात के अंधेरे में कुछ दिखाई नहीं पड़ा। पैदल चलती हुई वो थोड़ा रुकी फिर चलने लगी। सोचा कहीं सड़क के किनारे लाइट वाले खंभे पर रुकेगी। ऐसा डर उसे पहले नहीं लगता था ।अकेले आने जाने की आदत है उसे। पिछले चार सालों…

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मेरे प्रिय कथाकार और उनकी एक कहानी

एक उत्सव हिंदी कथा सम्राट प्रेमचंद एवं कथा, कथाकार और कथा प्रशंसकों के नाम।जुलाई माह प्रतिदिन संध्या सात बजे गृहस्वामिनी के यू ट्यूब चैनल पर । अंतरराष्ट्रीय कथा महोत्सव में 5 जुलाई संध्या सात बजे प्रसिद्ध और वरिष्ठ कथाकार  डॉ सी भास्कर राव जी की कहानी लेकर आ रही हैं कथाकार डॉ जूही समर्पिता और…

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कथा, कथाकार और पाठक

अंतरराष्ट्रीय कथा महोत्सव  कथा, कथाकार और पाठक 4 जुलाई संध्या 7 बजे (IST), दोपहर 2.30 बजे (GMT) https://youtube.com/@grihaswamini7913 उपन्यास – तिलिस्म  उपन्यासकार – दिव्या माथुर-लंदन,ब्रिटेन समीक्षक शिखा वार्ष्णेय-लंदन, ब्रिटेन डॉ रीता दास राम-मुंबई, भारत अनिल शर्मा जोशी- दिल्ली, भारत अध्यक्ष प्रो जितेन्द्र श्रीवास्तव- दिल्ली, भारत संचालन – पूजा अनिल, स्पेन 1

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