हिन्दी

हिन्दी हिन्द के हिन्दोस्तां की बेटी है.हिन्दी। भारत के ललाट की शोभा बिन्दी है हिन्दी। देवभाषा संस्कृत की पुत्री बनकर उपजी हिन्दी। सभी भाषाओं की अग्रजा बनकर आई है हिन्दी। सभी बोलियाँ संग साथ ले हिल मिल संग चले । अपने और परायों बीच संवाद बनी हिन्दी। भाषा जोड़ रही है सबको एक छत्र के…

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“मातृभाषा हिंदी”

“मातृभाषा हिंदी” “वर्तमान समय में प्रायः सब हिंग्लिश बोलते हिंदी के एक वाक्य में तीन चार शब्द अंग्रेजी के होते हैं आपसी मिलाप तो संस्कृति हमारी हिंदी ने भी अंग्रेजी से मेलजोल स्वीकारी मुश्किल फिर भी आई भारी अंग्रेजी स्कूल और नेटफ्लिक्स ने और हालत बिगाड़ी बच्चे अब दादा दादी से नहीं बतियाते क्योंकि अब…

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हिन्दी 

हिन्दी  बचपन मे तुतलाकर बोली,वो मधुर से बोल हिन्दी अम्मा ने ‘माँ’ ‘माँ’ सिखलाया,प्यार का रस धोल हिन्दी दिल से आंँगन तक बहती नद,प्रीत की वह जीत हिन्दी उत्तुंग हिम शिख की ऊंचाई,धवल मणिकांत सी हिन्दी हिन्द महासागर गहराई,रत्न जो निपजाय हिन्दी। इसमेंअमृत सी मिठास है,सूरज की उजास हिन्दी ‘भारतेंदू’ ‘प्रेम’ महावीर’,ने भरे भंडार हिंदी।…

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हिन्दी – राजभाषा या राष्ट्रभाषा

हिन्दी – राजभाषा या राष्ट्रभाषा हिन्दी भारत की आत्मा है। यह हर भारतवासी के अस्तित्व व अस्मिता की पहचान है। भारत के स्वतंत्रता संग्राम में हिन्दी की प्रमुख भूमिका रही है। गांधी जी ने यह महसूस किया था कि हिन्दी के द्वारा ही लोगों को जोड़ा जा सकता है क्योंकि हिन्दी ज्यादातर लोगों के आम…

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हमारी मातृ भाषा हिंदी

हमारी मातृ भाषा हिंदी हिन्दी हमारी मातृभाषा सरल ,सुन्दर और प्रभावशाली। समृद्ध भी है, साहित्य अपार है। फिर भी उपेक्षित, निम्न, और कंगाल है।अपने बच्चों द्वारा ही तिरस्कार है। अभिवादन, प्रशंसा, धन्यवाद सभी पर, विदेशी का अधिकार है। धीरे-धीरे घरों मैं बढ़ रहा इसका व्यवहार है। लिखित कथन अंग्रेजी वर्णमाला पर निसार है। यही प्रगति…

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हमारी हिन्दी

हमारी हिन्दी हिन्दी भारत की हर श्वास है, इक नवीन विश्व की आस है। तन में बहता अरुण रक्त है, हर भारतवासी इसका भक्त है। हिंदी प्रेम-विजय की बोली, मानवता पनपी इसकी झोली। यही ग्रीष्म-शीत ऋतु बसंती, माँ देवी के माथे की बिंदी। वर्ण से शब्द, शब्द से वाक्य, हर भाव में भाषा महान है।…

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हिंदी का परचम

हिंदी का परचम वैज्ञानिक आधार परखती निज बल सब सत्कार कमाया जोड़ चली सीमाएँ कुनबा हिंदी ने परचम फहराया सहज सरल उत्तम उच्चारण स्वर व्यंजन रस युक्त मनोहर अर्पित उन्नत पद सम्मानित छवि साहित्यिक मुक्त धरोहर शब्द मधुर संयोजित मुक्ता मायावी हिंदी की काया जोड़ चली ….. कोस कोस पर पानी बदले दशम कोस पर…

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हिंदी ऐसी भी

हिंदी ऐसी भी “सुनिये, आप मेरा मोबाइल दुकान पर जाकर दिखा लाओ। इसमें बहुत दिनों से राहुल का फोन नहीं आ रहा। शायद अमेरिका का नेट यहाँ काम नहीं कर रहा।”, वेणु हाथ में लिए मोबाइल को किशोरजी को देते हुए बोली। “अरे वेणु..”, कहते हुए किशोरजी बोलते हुए चुप हो गए और मोबाइल लेकर…

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हिन्दी दिवस और हिन्दी

हिन्दी दिवस और हिन्दी कहने को राजभाषा है हिन्दी, भारती के भाल की सच में बिन्दी । न मारो माँ को अपने हाथों से, साँसें टूटतीं पर अब तक जिन्दी । छंदों से करती अपना श्रृंगार, पहनकर अद्भुत-अनुपम अलंकार । संगम अगनित भाषा बोलियों का, नव रस से आप्लावित चमत्कार । पहचानो इसमें है अपार…

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मां-भारती का युवाओं से “आह्वान”

मां-भारती का युवाओं से “आह्वान” ये अमृत काल है ये अमृत काल है ये अमृत काल है कसम तुझे उन दिवानो की जो फंदा चूमकर झुले थे । कसम तुझे उन वीरों की जो होली ख़ून से खेले थे । कसम तुझे उन शहीदों की जो शहादत के लिये ही जन्मे थे । तू मुझको…

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