मासिक धर्म को हीन दृष्टि से देखने वाले समाज में रोशनी के किरण बनते ये युवा

मासिक धर्म को हीन दृष्टि से देखने वाले समाज में रोशनी के किरण बनते ये युवा मासिक धर्म एक सामान्य प्रक्रिया है और प्रकृति की महिलाओं को देन है , महिलाओं को प्रकृति ने नव सृजन का जो वरदान दिया है वह मासिक धर्म के बग़ैर संभव नहीं है । परंतु उसी मासिक धर्म के…

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महिलाओं में क्यों होती है आयरन डेफिशिएंसी

महिलाओं में क्यों होती है आयरन डेफिशिएंसी 1. पीरियड्स के दौरान ब्लड लॉस पीरियड्स में सामान्य तौर पर आपका 80 मिलीलीटर खून निकलता है।अच्छी डाइट से इस लॉस को रिकवर किया जा सकता है। लेकिन अगर आपको ज्यादा ब्लीडिंग होती है, पीरियड्स 5 से 7 दिन के होते हैं या डाइट में आयरन युक्त भोजन…

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ममता कालिया- एक कवयित्री के रूप मे

ममता कालिया- एक कवयित्री के रूप मे ममता कालिया का नाम यूं तो गद्य लेखन में अधिक है परंतु उन्होंने अपनी रचनाएंं कविताओं से ही आरंभ की थीं। ममता कालिया की पद्य रचनाएं भी उनकी गद्य रचना के समान ही विशिष्ट हैं। पेश हैं वाणी प्रकाशन की किताब ‘पचास कविताएं’ में छपीं उनकी कविताओं में…

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ममता कालिया-समकालीन हिंदी साहित्य जगत का जगमगाता सितारा

ममता कालिया-समकालीन हिंदी साहित्य जगत का जगमगाता सितारा ममता कालिया समकालीन हिंदी साहित्य जगत की प्रखर हस्ताक्षर हैं। उनका गद्य की हर विधा में एक सार्थक हस्तक्षेप है। भावों के महीन धागों से बुनी उनकी कविताओं में आम जीवन से जुड़े वे सभी ख़ास पहलू हैं जो पाठकों को स्वतः ही अपना बना लेते हैं…

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जीवन के अस्मरणीय पल

जीवन के अस्मरणीय पल समकालीन हिंदी लेखन जगत के एक अग्रणी हस्ताक्षर ममता कालिया जी को कौन नहीं जानता। उनसे मेरा सम्बंध मेरी पहली कहानी ‘वे चार पराँठे‘ से जुड़ा है।यह कहानी जुलाई 2007 में ममता कलिया जी तथा रविंद्र कलिया जी की बिर्मिंघम के एक कहानी कार्यशाला से ऊपजी थी। कार्यशाला पूरे वीकेंड की…

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ममता कालिया

ममता कालिया ‘ममता से मिलने चलोगी? मुझसे पूछ रहे थे आदरणीय रवींद्र कालिया जी डायरेक्टर ज्ञानपीठ ‘9 साल छोटी पत्नी’ ‘गालिब छुटी शराब’ फ़ेम के लेखक जिन्हें हमने बचपन से पढ़ा था पत्रिकाओं में मुझसे मुखातिब थे! क्या खुशनुमा दिन होगा! और पूछ रहे थे ममता जी यानी ममता कालिया के बारे में, जिनकी प्रसिद्धि…

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ममता जी को नमन 

  ममता जी को नमन  ममता कालिया जी की कहानियाँ पढ़कर हम सब आप बड़े हुए।ममता जी ने साहित्य की समझ विरासत में पाई। अपने अतंस की तिजोरी से बड़ी ही सजगता व सरलता से जीवन की रफ्तार से कुछ मखमली, और हकीकत से जुड़े लम्हें एक कहानी के कथानक में गढ़कर पेश करती है।कई…

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कहानी ‘मेला’ एक वैचारिक दृष्टिकोण

कहानी ‘मेला’ एक वैचारिक दृष्टिकोण साहित्य संसार की प्रतिष्ठित कथाकर, जो, केवल कहानियों में ही नहीं, नाटक, उपन्यास, कविता, निबंध, पत्रकारिता,लगभग साहित्य की अधिकांश विधाओं में अपना हस्तक्षेप रखतीं हैं और अपने लेखन के लिये अनेक साहित्य सम्मान से नवाज़ी गईं हैं। प्रबुद्ध, सरल -सहज, सौम्य, चेहरे पर,निर्बाध, निश्छल हँसी ऐसे दिखती है,जैसे पूस में…

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ममता कालिया से सन्दीप तोमर की साहित्यिक चर्चा

ममता कालिया से सन्दीप तोमर की साहित्यिक चर्चा ममता कालिया हिंदी साहित्य की प्रमुख भारतीय लेखिका हैं। वे कहानी, नाटक, उपन्यास, निबंध, कविता जैसी अनेक साहित्यिक विधाओं में बराबर दखल रखती हैं। हिन्दी कहानी के परिदृश्य पर उनकी उपस्थिति सातवें दशक से निरन्तर बनी हुई है। लगभग आधी सदी के काल खण्ड में उन्होंने 200…

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