तब से अब तक

तब से अब तक यह तो अब हम सब जानते हैं कि 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन दुनिया में महिलाओं के जीवन में सुधार लाने, उनमें जागरुकता बढ़ाने जैसे कई विषयों पर जोर दिया जाता है। विचारणीय है दुनिया को इसकी जरूरत क्यों पड़ी! इसके लिए…

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भारत के महानायक:गाथावली स्वतंत्रता से समुन्नति की- प्रेमचंद

कलम के सच्चे सिपाही-मुंशी प्रेमचंद “मैं एक मज़दूर हूँ, जिस दिन कुछ लिख ना लूँ, उस दिन मुझे रोटी खाने का कोई हक़ नहीं। ” मुंशी प्रेमचंद जी की कहानियाँ और उपंयास पढ़ कर हम बड़े हुए। मुझे उस उम्र में नहीं मालूम था कि उन कहानियों का क्या योगदान था भारतवर्ष की आज़ादी मिलने…

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पिता

पिता पिता एक शख्स नही संस्कार आदर्श मयार्दा धर्म सहनशीलता की परिभाषा है पिता रामायण कुरान बाइबिल गुरुग्रंथ गीता का ज्ञान भरा भंडार हैं पिता जीवन के संघर्ष में कभी न हारने का संदेश देते है अँधेरे तो क्या हुआ रौशनी को तु तलाश कर यही सिखलाते हैं पिता पिता होते हैं बरगद की छाँव…

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World environment day/nachiket parmar

  इस  चित्र को बारह वर्षीय  नचिकेत परमार ने बनाया है जिस में उन्होंने बेहद खूबसूरत, स्पष्ट और  सार्थक संदेश के साथ  चेतावनी भी दिया हैं। नचिकेत परमार विश्व पर्यावरण दिवस विध्वंसक नही संरक्षक बने समस्त ब्रह्माण्ड मे खरबो खरबो मिलों तक फैले आकाशगंगा मे जीवन का नमोनिशान नहीं न उपस्थित प्राणवायु न ही जल…

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प्रत्यक्ष भगवान

प्रत्यक्ष भगवान ईश्वर को किया जा सकता है महसूस मगर डाँक्टर जब देता है मरीज को जीवन दान तो दर्शन होते हैं प्रत्यक्ष भगवान के जो न बंधा होता है किसी पंथ/जाति/रंग हर सीमा से दूर मानवता का पोषक सेवा का अवतार मान/अपमान की परवाह किये बिना कर्तव्य के पथ पर अग्रसर सोनिया अक्स समर्पित…

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तामील

तामील   हुक्मे नज़रबंदी है ये फ़रमाया आला पीर ने तू बहुत नाचीज़ बन्दे तू हुक्म की तामील कर   वक्त की पाबंदगी का है यह फ़रमान प्यारे तू बहुत ख़ुदगर्ज़ बन्दे फरमां यह क़बूल कर   तू रहेगा आज से पिंजरे में ज्यूँ पंछी कोई तू बहुत आज़ाद बन्दे पिंजरे से ना परहेज़ कर…

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मन मंदिर में बस गए राम

मन मंदिर में बस गए राम अयोध्या में आयी पुण्य बेला, साकार हुई जो बसी छवि। दिशाएं सुरभित, देव मगन, विस्मित, हर्षित है आज रवि। भक्तों के सपने आकार ले रहे, पीयूषवन्त छवि नयनाभिराम। मन मंदिर में बस गए राम। लंबे संघर्ष का विकट काल, भूला नहीं रक्तिम इतिहास। प्राणों की आहुतियाँ पड़ी यहाँ, तब…

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भारत के महानायक:गाथावली स्वतंत्रता से समुन्नति की-अहिल्याबाई होल्कर

अहिल्याबाई होल्कर वैसे तो भारत की वीर भूमि पर बहुत से शूरवीरों ने जन्म लिया, मगर कुछ ऐसे भी शूरवीर हुए जो हमेशा के लिए अमर हो गए, जिनमें से एक नाम अहिल्याबाई होल्कर का है, महाराष्ट्र के अहमदनगर के चौंडी गाँव में सन् 1725  में जन्मीं अहिल्याबाई होल्कर के पिता माकोंजी शिंदे सम्मानित धांगर…

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रिश्ते हुए तार तार

रिश्ते हुए तार तार नताशा का रो -रोकर बुरा हाल था उस पर दोहरी मार पड़ी थी। एक तो कोरोना की चपेट में आकर उसके पति का स्वर्गवास हो गया था दूसरे उसके बेटे शलभ ने अपने पिता का शव लेने और उनका अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया था। वह ऐसा करके अपनी…

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सिर्फ पूजा नहीं स्वच्छता भी जरूरी

सिर्फ पूजा नहीं स्वच्छता भी जरूरी आज गुरु पूर्णिमा है। गुरु यानी आध्यात्मिक गुरु, फिजिक्स या अलजबरा सिखाने वाला गुरु नहीं। भारतीय अध्यात्म में दर्शन का बहुत महत्व है। दर्शन का अर्थ है दिव्यत्व की एक झलक पाना। कहते हैं गुरु या मंदिर की मूर्ति का एक दर्शन भी शिष्य को पवित्र कर देता है।…

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