आखिर कब होगीं आजाद

आखिर कब होगीं आजाद इस बार का स्वतंत्रता दिवस हमारे लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है क्योंकि इस बार हमारे देश को एक सूत्र में बांधने के लिए सरकार द्वारा एक विशेष कदम उठाया गया, जिससे आज जाकर हम सब एक हैं । यह कहावत चरितार्थ हुई है। आजाद हुए 70 साल हो गए हैं लेकिन…

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ऐसी कोई रात कहाँ

ऐसी कोई रात कहाँ ऐसी कोई रात कहाँ है, जिसकी कोख से सुबह ना निकले ! दुख का सीना चीर के सुख का सूरज तो हर हाल में निकले ! ऐसा कोई दर्द कहाँ है, जिससे कोई गीत ना निकले ! ऐसी कोई बात कहाँ है जिससे कोई बात ना निकले ! कहाँ कभी एक…

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ज्ञान की बात

ज्ञान की बात टेलीविजन पर शंकराचार्य और मंडन मिश्र के शास्त्रार्थ का प्रसंग चल रहा था। जीत और हार के लिए जो मानक निर्धारित किए गए थे मुझे उस समय वह बड़े हास्यास्पद लग रहे थे। दोनों के गले में फूलों की एक-एक माला थी और जिस की माला मुरझा जाएगी उसी को हारा हुआ…

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एक शिक्षिका ऐसी भी

एक शिक्षिका ऐसी भी बात उन दिनों की है जब मेरी नियुक्ति मुम्बई के एक प्रसिद्ध कनिष्ठ महाविद्यालय में हुई थी।परिवार,दोस्त,रिश्तेदार सभी प्रसन्न थे कि सरकारी नौकरी मिल गयी,अब जिंदगी आराम से गुजरेगी।काम हो ना हो,तनख्वाह तो शुरू ही रहेगी।आज भी सरकारी नौकरी के प्रति लोगों की मानसिकता में अधिक अन्तर या बदलाव नहीं आया…

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एक गुफ़्तगु

एक गुफ़्तगु जिंदगी के पल के साथ सोचूँ बैठु आज तुम्हें लेकर रूबरू गुलाबी इस ठण्ड की चटक धुप में थोड़ी देर…! हो हाथ में गर्म अदरक की कड़क चाय और उलझाऊँ तुम्हें कुछ सवालो के चक्रव्यूह में…! बाँटू कुछ तजुर्बे अपने और पूछूँ कुछ तुम्हारे तरीके जिंदगी के फ़लसफ़े पर करना चाहूँ एक गुफ्तगूं…!…

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पर्यावरण और त्योहार

“पर्यावरण और त्योहार “ डरे सहमे से पेड़-पौधे जा पहुंचे मानव के पास दीपावली करीब आ गई तो उनकी थीं शिकायतें खास.. पत्ते, शाखाएं, फूल और कलियाँ सबके सब कुछ घबराए थे नन्ही घास,बेलें, लताएँ, फल मुँह बनाए और गुस्साए थे-.. “हर तरफ दीवाली की खुशियाँ हैं पर हम सब सहमे से खड़े हैं अजीब…

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फिर होली में

फिर होली में हुई आहट खोला था जब द्वार मिला त्यौहार । आया फागुन बिखरी कैसी छटा मनभावन। खेले हैं फाग वृन्दावन में कान्हा राधा तू आना। तन व मन भीगे इस तरह रंगों के संग। स्नेह का रंग बरसे कुछ ऐसे छूटे ना अंग। रंगी है गोरी प्रीत भरे रंगों से लजाई हुई। आई…

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गीता जयंती

गीता जयंती गीता जयंती के शुभ अवसर पर आयोजित भगवत् गीता के श्लोकों का चिंतन-मनन यह एक सार्थक पहल है, यह उपक्रम सतत चलता रहे तो सभी को बौद्धिक और आध्यात्मिक लाभ होगा । आज मैं “अवतारवाद” पर अपनी अल्प बुद्धि से कुछ विचार व्यक्त कर करना चाहती हूं । अवतार का अर्थ स्वयं परमात्मा…

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