तामील

तामील   हुक्मे नज़रबंदी है ये फ़रमाया आला पीर ने तू बहुत नाचीज़ बन्दे तू हुक्म की तामील कर   वक्त की पाबंदगी का है यह फ़रमान प्यारे तू बहुत ख़ुदगर्ज़ बन्दे फरमां यह क़बूल कर   तू रहेगा आज से पिंजरे में ज्यूँ पंछी कोई तू बहुत आज़ाद बन्दे पिंजरे से ना परहेज़ कर…

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भारतीय वैज्ञानिक 

भारतीय वैज्ञानिक      मैं ऋषि कणाद का अनादि कण, हूँ सूक्ष्म किन्तु न मेरा कोई अंत,   मैं देता ज्ञानी आर्यभट्ट सा जगत को शून्य का तत्व, सूर्यग्रहण, चंद्रग्रहण क्यों होता है सुलझाता मेरा तत्त्व,   मैं रसायनशास्त्री नागार्जुन का रसरत्नाकर, अलग-अलग धातु से स्वर्ण बनाऊ ऐसा मैं जादूगर,   मैं योगाचार्य ऋषि पतंजलि…

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कान्हा का मनका

कान्हा का मनका अब तो लौ लागी कान्हा, तेरे श्यामल श्री चरणों में । जन्म जन्म का साथ हमारा, युगों युगों की मेरी प्रीत। बना दे मुझे छोटा सा मनका, चुन ले मुझ को, जड़ ले मुझ को, अपनी रुनझुन पैजनियों में । अब तो लौ लागी कान्हा , तेरे श्यामल श्री चरणों में। औक़ात…

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इश्क करो ख़ुद से और ख़ुदा से ….

  इश्क करो ख़ुद से और ख़ुदा से ….   इश्क, प्रेम का वह रूप है जिसमें कोई किसी में लीन हो जाना चाहता है …. फिर चाहे वह अपनी अंतरात्मा हो या अपना ईश्वर ! इश्क यानी प्रेम भक्ति का भी एक प्यारा रूप है जो समर्पण माँगता है तभी तो उसका सफर रूमानियत…

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क्षितिज की ओर

क्षितिज की ओर     मुग्ध हो कर देख रहा हूं और बह रहा हूं अस्तित्व की बाढ़ में तेरी अविजित मुस्कान इधर झनझनाती तंत्रियों में शुरू सामूहिक गान।   तू झुलसा रही मेरे अहं को मेरी दुर्बलता को उमड़ रहा न जाने क्या झुकती नज़र, कभी उठती नज़र पर इसके माने क्या? फुलवारी कुछ…

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शिव प्रेम स्वरूप

शिव प्रेम स्वरूप   प्रेम की बात हो और मोहन का नाम ना आए ऐसा विरले ही होता है। ज्यादातर लोग कान्हा को ही प्रेम का पर्याय मानते हैं। पर मैं, मुझे सदैव से ही ‘शिव’ प्रेम की पराकाष्ठा के स्वरूप लगे हैं। सभी कुछ देखा, सहा, जिया है शिव ने। इस संसार में प्रेम…

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बसंत पंचमी की अनमोल याद

                                            बसंत पंचमी की अनमोल याद यूं तो बसंत पंचमी पर्व प्रति वर्ष एक नई ऊर्जा, उत्साह और उमंग लेकर आता है और एक नई स्वर्णिम स्मृति की छाप हृदय पर छोड़ जाता है,…

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महात्मा गाँधी और उनकी प्रासंगिकता

  महात्मा गाँधी और उनकी प्रासंगिकता     परिचय.. मोहनदास करमचंद गाँधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को वर्तमान गुजरात राज्य के पोरबंदर जिले के मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम करमचंद गाँधी एवं उनकी माता का नाम पुतलीबाई था। वे अपने तीन भाईयों में सबसे छोटे थे।पिता ब्रिटिश राज में काठियावाड़…

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Canvas

    Canvas Shells I will collect beautiful corals from the abyss of your eyes . Plum pearls look like Light and shine scatter dragging the hesitation, the embarrassment of the moment. Your lips cool the flame of the soul, soothes the unbridled adolescence Stable figure your eternal inertia, your immobility And the soul crowns…

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