भोर की प्रतीक्षा

भोर की प्रतीक्षा आज प्लेटफार्म पर कुछ ज्यादा ही भीड़ थी ,शायद कोई रैली जा रही थी ..पटना ,लोग दल के दल उमड़े चले आ रहे थे ,हाथों में झंडे ,छोटे बड़े झोले ,गठरियाँ लादे हुए …मुफ्त में यात्रा कर ,कुछ रूपये बचाने के लिए बेबस मजबूर लोग भी थे।तो कुछ ऐसे लोग भी थे…

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एकलव्य

एकलव्य ”आंटी जी!..आंटी जी!” कोई धीमे स्वरों में पुकार रहा था. मै टहलने लिए तैयार हो ही रही थी ..गेट पर झाँक कर देखा तो, रुन्छु था. मैंने गेट खोलकर पूछा -”अरे रंछु!..कहाँ था इतने दिन?दिखाई ही नहीं दिया?” ”आंटी जी बाहर गाँव चला गया था. बाबा के साथ काम करने. ..वहां सड़क बन रहा…

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कोविड -19 और गर्भवती स्त्री

कोविड -19 और गर्भवती स्त्री आज कोविड-19 ने पूरे विश्व को अपने चपेट में ले लिया है । विश्व में बढ़ते हुए संक्रमण को संभालने और इलाज करनें के लिए हर स्तर पर विस्तार से कार्य हो रहें हैं। इस वायरस के तीव्रता को मेडिकल सेवा और रिसर्च में लगें, हर क्षेत्र के चिकित्सकगण और…

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ऋचा वर्मा की कविताएं

ऋचा वर्मा की कविताएं १.इस बार का बसंत इस बार के बसंत में खिले पलाश ने, बिल्कुल नहीं लुभाया हमें ये पलाश के फूल लगते हैं छींटे से रक्त के, पत्रविहिन पलाश के गाछ, मानो देहविहिन बहते लहू, न है इंतजार अमलतास के पीले फूलों का, जो चमका करतें हैं सोने की तरह, आजकल भय…

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शुरुआत

शुरुआत सारे घर में आज एक बार फिर से खूब चहल-पहल थी। हर कोना बड़े मनोयोग से सजाया जा रहा था। विभिन्न आकृतियों वाले गुब्बारे, रंग बिरंगी बंदनवार , फूल, जिस जिसने जो भी सुझाव दिया था, महक ने हर उस चीज का इस्तेमाल किया था। खासतौर पर बैठक में, जहाँ आज शाम को यह…

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होली में

होली में यही हसरत मेरे दिल में रही हर बार होली में, करूं रंगीन गोरी के कभी रुखसार होली में । नहीं हद से गुज़र जाना हदों में मयकशी करना हैं वरना नालियों में गिरने के आसार होली में। चलेंगे दौर गुंजियो के चलेंगे दौर खुशियों के चले आओ हमारे घर हैं हम तैयार होली…

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अनावरण/अन्वेलिंग

अनावरण/अन्वेलिंग यह कहानी सच्ची घटनायों का एक समूह, जहां कुछ भी काल्पनिक नहीं है,न नाम,न जगह और न ही वर्णित घटनायें। एक कहानी बोइसर से शुरू करते है जो महाराष्ट्र का सबसे बड़ा औद्यौगिक छेत्र है। 18 माई को गोरेगांव में काम करने वाला एक टेक्नीशियन,अरूण मौर्य (29)को खून की उलटी हुई।पड़ोसियों की मदद से…

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दिव्या माथुर का रचना संसार

दिव्या माथुर का रचना संसार दिनांक 19 दिसम्बर 2021 को केन्द्रीय हिंदी संस्थान, विश्व हिंदी सचिवालय, वैश्विक हिंदी परिवार एवं अन्य सहयोगी संस्थाओं के संयुक्त ऑनलाइन आयोजन में प्रवासी साहित्यकार दिव्या माथुर का रचना संसार विषय पर एक साहित्यिक विचार संगोष्ठी का आयोजन किया गया जिसकी अध्यक्षता प्रवासी साहित्य के सशक्त हस्ताक्षर प्रो. कमल किशोर…

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प्रेम -बंधन

प्रेम -बंधन दो प्राणों का है अटूट ये बंधन । दो श्वांसों का श्वांसों से अनुबंध । दो प्राणों की मधुर आलाप है दो प्राणों की ये वेदना है। प्रेम ..मौन की बोलती भाषा प्रेम …हृदय की है परिभाषा । दो नयनों का स्मित -हास जीवन का है जो दीर्घ श्वास। प्रेम … राधा का…

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