




फैशन
फैशन ट्रेंंड- 2019 अल्ट्रा वॉयलेट फैशन में इस बार का कलर है अल्ट्रा वॉयलेट। एथनिक हो या वेस्टर्न, यह कलर सभी तरह की ड्रेसेज़ में ट्रेंड करेगा। शिफॉन साडिय़ों और इवनिंग गाउन्स में तो इसके ढेरों शेड्स तैयार हैं। वहीं समर सीज़न के कॉटन फैब्रिक में भी यही रंग छाया रहेगा। शिफॉन साडिय़ां जहां खूबसूरत…

डॉ. सच्चिदानंद जोशी से अलका सिन्हा का संवाद
डॉ. सच्चिदानंद जोशी से अलका सिन्हा का संवाद वातायन-वैश्विक की 91वीं वार्ता संगोष्ठी में प्रसिद्ध रंगकर्मी, संस्कृति साधक, व्यंग्यकार, निबंधकार एवं शिक्षाविद् श्री सच्चिदानंद जोशी जी के साथ अक्षरम साहित्यिक संस्था की महासचिव प्रसिद्ध कथाकार एवं कवयित्री अलका सिन्हा जी का आत्मीय संवाद सकारात्मक रचनात्मकता के भाव से मन को समृद्ध करने वाला रहा।…

तुम पास नही फिर भी पास हो
मेरी माँ, माँ तुम पास नही फिर भी पास हो, माँ तुम हमेशा उस जहां में भी जा कर मेरे पास हो, तुम्हे क्या लिखूं माँ आपने हमे लिखा है। मैं कभी सोची ही नही थी एक दिन मैं आपसे कभी दूर जाउंगी मुझे याद है वो दिन जब मेरी शादी ठीक हुई थी और…
स्वतंत्रता उर्फ़ स्वाधीनता या स्वछंदता,.?
स्वतंत्रता उर्फ़ स्वाधीनता या स्वछंदता,.? स्वतंत्रता क्या है,..? स्वतंत्रता का अर्थ क्या है,..? अपने मन मुताबिक चलने की आज़ादी,..? या मनमानी करने की आज़ादी,..? या अभिव्यक्ति की आज़ादी,..? आखिर क्या है स्वतंत्रता?? एक पतंग जो खुले आकाश में उड़ती है आज़ाद होती है? या एक पंछी जो अपनी काबिलियत और सामर्थ्य के दम पर उड़ता…

खाद पानी
खाद पानी “….वो डॉक्टर अजीब है। बोली, विनी, ठीक है। अरे! ऐसे कैसे? पहले तो पढ़ाई में अव्वल, म्यूजिक में आगे, स्केटिंग में बढ़िया, स्टोरी टेलिंग गज़ब की, जर्मन सीखने में अच्छी, कराटे, कॉडिंग में भी रुचि, साइंस ओलम्पियाड़ और अबेकस में बढ़ीया। ज़रा ड्रॉइंग कॉम्पिटिशन में नाम ना आया, तो सबमें डब्बा गुल। वो…

Legitimately Illegitimate
Legitimately Illegitimate Internationally famed best selling author, Padmini Dutta Sharma has come out with her 10th blockbuster ‘Legitimately Illegitimate’, available worldwide via Amazon at $5.37. This novel is being edited, published, printed and distributed worldwide by KDP Amazon. A very intriguing novel that delves deep into the intricate and complex human psychology of men and…

दिव्या माथुर का ‘आक्रोश’
दिव्या माथुर का ‘आक्रोश’ नेहरु केन्द्र के एक दूसरे कार्यक्रम के दौरान दिव्या ने मुझसे पूछा कि तुम्हें मेरी किताब पढ़ने का मौक़ा अभी मिला है कि नहीं? अट्ठारहवीं शताब्दी के अंग्रेज़ लेखक रेवरेंड सिडनी स्मिथ के एक प्रसिद्ध कथन के अनुसार, किसी पुस्तक की समीक्षा बड़ा घातक हो सकता है। मेरे दिव्या के आक्रोश…