मैं जन्म से एक ब्रिटिश हूँ और मैं माफ़ी मांगता हूँ”

“मैं जन्म से एक ब्रिटिश हूँ और मैं माफ़ी मांगता हूँ” आज भी ‘नासूर बन दुखता है’ फिरंगियों को जलियांवाला बाग हत्याकांड !! “आकलैंड रायटर्स फेस्टिवल 2019 के उद्घाटन के दौरान कुछ चुनिन्दा लेखकों को 7 मिनट के भीतर एक ‘सच्ची कहानी’ सुनने के लिए आमंत्रित किया गया था। जिसमे एक आमंत्रित लेखक एवं कांग्रेस…

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तेरे मेरे सपने

तेरे मेरे सपने ज़मीन के उस छोटे से टुकड़े पर पूरा एक जहाँ फैला है…. बृज और गौरा की दुनिया जिसमें सपने रूप बदल तितली से उड़ा करते हैं। पानी के इंजन की धक-धक और काले धुएँ में, बहते पानी में, धरती में दबते बीज में, अंकुरण में और नवांकुर के ऊपर आने में अनगिनत…

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माँ! अब मैं जान गई हूँ

माँ! अब मैं जान गई हूँ नन्ही-सी मुन्नी उम्र में छोटी है तो क्या हुआ चौदह-पंद्रह साल की छोटी-सी उम्र में उसको प्यार,लड़ाई और गालीगलौज़ सब समझ आता है। दिल्ली की एक गन्दी बस्ती में छोटी-सी खोली है उनकी। उस खोली में रहने वाले पांच प्राणी, माँ-बाबा,मुन्नी और उसके दो छोटे भाई नंदू और छोटू|…

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एक सख्त खलनायक

एक सख्त खलनायक धूप में बहते अपने पसीने, कठोर परिश्रम और पीड़ा के लिए वह देखना चाहता था उसकी आँखों में प्रेम, आर्द्रता और करुणा परन्तु वह देखता था रूखापन, कठोर अनुशासन और धैर्य क्योंकि पिता जानता है कि दुनिया निर्मम, निर्मोही और निष्ठुर हैं बच्चों के लिए जरूरी है माँ की छाया में रहते…

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मेरे पापा सुपरमैन

मेरे पापा सुपरमैन फादर्स डे पर पापा, चलो मैं एक कविता सुनाती हूं। क्या हो आप हमारे लिए यह दुनिया को बदलाती हूं। हमारे पापा सुपरमैन हर विपदा से लड़ जाते हैं। हो जाए हम वीक तो स्ट्रांग उन्हें हम पाते हैं। घर समाज और रिश्तेदारी बखूबी निभाते हैं। वो हमारे पापा जी, जो माथुर…

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“आजादी – उत्सव या कर्त्तव्य “

 ” आजादी – उत्सव या कर्त्तव्य “ आजादी के बहत्तर साल , बोल कर देखिए , एक सुकून और गर्व का एहसास होगा , 15 अगस्त 2019 को हमारा देश आजादी की बहत्तरहवीं वर्षगाँठ मनाएगा। बहुत मुश्किलों और संघर्षों के दौर से निकल कर आज हम उस जगह हैं जहाँ हम ये कह सकते हैं…

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खूब याद करती हूँ तुम्हे, कभी उदास मत होना

खूब याद करती हूँ तुम्हे, कभी उदास मत होना एक हमारे बड़े होते-होते छूट गए कई छोटे-छोटे सुख। मुट्ठी में छिपाये गए छोटे-छोटे चॉकलेट केएफसी और डोमिनो के पिज्जा-बर्गर से ज्यादा लजीज थे। खेल में बार-बार हार कर मेरे आउट होने पर तुम्हारा अचानक छोटे से बड़ हो जाना और मेरी जगह खेलकर मुझे जीता…

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प्रतीक्षा

    प्रतीक्षा     आभास पाकर धुंधली छवि का आकार लेता प्रिय रूप तुम्हारा द्वार की ओट से ताकती अपलक हर पल रहता है इंतजार तुम्हारा।   क्यों झेलती मैं विरह की व्यथा? जब बसे हो हृदय में कमल बन रोक लेती मैं तुम्हें आवाज देकर बस देख लेते गर तुम पलटकर।   प्राण…

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एक मजबूत व्यक्तित्व -गोल्डा मीर

एक मजबूत व्यक्तित्व -गोल्डा मीर   दुनिया का इतिहास बहुविविध रहा है। सभ्यता -संस्कृति का विकास भी हर जगह अलग तरीके से हुआ है।आज की विकसित और समृद्ध दुनिया में अनेकानेक महापुरुषों ने हर क्षेत्र मे योगदान दिया है शिक्षा,स्वास्थ्य,सामाजिक और राजनैतिक जीवन में भी।गत 100 वर्ष के इतिहास में आधुनिक विश्व की अवधारणा विकसित…

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