आवाज़ दो हम एक हैं !

आवाज़ दो हम एक हैं ! भौगोलिक सीमाओं से घिरे ज़मीन के टुकड़ों से सिर्फ देश निर्मित होते हैं। देश कोई भी हो, स्थायी नहीं होता। समय के साथ उसकी सीमाएं,उसका स्वरुप बनता और बिगड़ता रहता है। अपने ही देश का इतिहास देखिए तो इसका आकार और इसकी सीमाएं लगातार परिवर्तित होती रही हैं। असंख्य…

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सकारात्मक मानसिकता

सकारात्मक मानसिकता देशवासियों को स्वतंत्रता दिवस पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं।कितने लोगों की कुर्बानी से हमें स्वतंत्रता मिली है ।आज उन शहीदों को कोटि कोटि नमन।इस स्वाधीनता का दुरुपयोग किसी को नहीं करना चाहिए। आज हमारा देश बहुत तरक्की कर रहा है, प्रत्येक क्षेत्र में ही।एक ओर जहाँ हम चाँद पर पहुंच कर विकास के…

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नैतिक शिक्षा की आवश्यकता

नैतिक शिक्षा की आवश्यकता भारत माता ग्राम वासिनी,आज आजादी के 70 साल बाद भी यह तस्वीर नही बदली है,आज भी गरीबों के आँसू को देख भारतमाता कराहती है ।अपने करोड़ों बच्चों के नग्न तन को देख क्षुब्ध होती है।कभी हमने गहराई से सोचा कि इतने दिनों बाद अपने ही शासन में भी क्यों हमारी स्थिति…

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ईमानदार कोशिश करें

ईमानदार कोशिश करें आजादी के सत्तर साल बाद भी हम कई परेशानियों से जूझ रहे हैं ।सपने में भी जिसके बारे में हम सोचना नहीं चाहते, उस से दो -चार होना पड़ रहा है । दीमक की तरह चाट कर देश को खोखला करने वाली बुराइयाँ हमारे खून में रच-बस गयी हैं ।इनसे निजात पाना…

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विकास का प्रयास 

  विकास का प्रयास कॉग्रेस के 65 साल सरकार के बाद भी देश बेरोजगारी, गरीबी, अशिक्षा और कुपोषण से ग्रस्त था देश। लेकिन हमारी सरकार जब से आई ,बेरोजगारी दूर करने के लिए स्टार्टअप इंडिया, मुद्रा लोन योजना, कौशल विकास जैसे योजनाओं को लागू कर युवाओं को प्रशिक्षित कर स्वयं रोजगार पैदा कर बेरोजगारी दूर…

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मानवता का शव 

मानवता का शव इतिहास के खडंहरों,में क्षतविक्षत पडा है मानवता का शव… सदियों,का सन्नाटा.. और ..दिलों दिमाग पर गूंजतीं …भयानक चीखें… सरसराहट …दरकते रिश्ते क्रदंन कराहती रुहों का.. पुराने दिनो की आखों से बहती धार में… बताऔ..भविष्य की आँख में काजल सजाऊं कैसे??? दूर बहुत दूर ले आती कोकिला की आवाज़ किन्तू पास ..बहुत पास…..

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देश की शान तिरंगा।

देश की शान तिरंगा। लहराये उतुंग शिखर पर देश की शान तिरंगा हमारा।। विश्व पटल पर विजयी है दे शांति का संदेशा प्यारा।। हम स्वतंत्रता के रंग में डूबे कश्मीर से कन्याकुमारी।। धर्म है सबकी मानवता एक राष्ट्र,एक नीति हमारी।। राष्ट्रभाक्ति है सबसे बढ़कर प्रेम से रहते हमसब मिलकर।। बलिदान हुए जो देश के लिए…

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ऐ वतन

ऐ वतन ऐ वतन! मेरे भारत! तेरी माटी से बनी हूँ मैं तेरी आबो हवा में ही मैं जिंदा हूँ मेरी साँसों में बसी है तेरी खुशबू रूह में इश्क हकीकी ख़ुदाया तेरा है नहीं दरकार मुझे मौसमों की तरहा प्यार के इज़हार की मेरा हर दिन मुबारक है तेरी आगोश में हर पल महफूज़…

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वास्तविक आजादी से दूर

  वास्तविक आजादी से दूर हम भारतवासी पिछले 70 वर्षों से आज़ादी की खुशफ़हमी में जरूर जी रहे हैं, परन्तु क्या वास्तव में हम स्वछन्द, स्वतन्त्र और निर्भीक जीवन बिता पा रहे हैं। आज भी देश का एक बड़ा वर्ग जीवन के मूलभूत आवश्यकताओं, जैसे, शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्याप्त सन्तुलित आहार इत्यादि से भी वंचित है।…

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तिरंगा हमारा

  तिरंगा हमारा शान से लहराता रहे तिरंगा हमारा मुस्कुराता रहे यह संदा हिंदुस्तान हमारा संत्य चंमत्कार अद्भुत अलंकार,हमारा भारत की गर्भ में पलते वीर सपूत हमारा शान से लहराता रहे तिरंगा हमारा एकता की दीवारों में जगमगाता एक दीप हमारा भारत माता की जय, स्वरों से गूंजती धड़कनों की शाज हमारा आजादी के चौखट…

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