ये तब नहीं समझा

ये तब नहीं समझा मेरी दादी, जिन्हें हम ईया बुलाते थे पाँच फीट से भी कम उनकी हाईट थी पर किसी धोखे में न रहना इच्छाशक्ति में वह बिल्कुल डायनामाइट थीं लंबे वक्त से वैधव्य झेलते हुए उस छोटी, बेहद दुबली सी काया में कमाल की सेन्स ऑफ फाईट थी बेटियों की शादी, इकलौते पुत्र…

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कभी देखा है किसी स्त्री को कर्ण होते..!!

कभी देखा है किसी स्त्री को कर्ण होते..!! कभी देखा है किसी स्त्री को कर्ण होते..!! कानो में कुंडल जिस्म पर कवच धारण किए हुए..??? संवेदनाओं का लक्ष्य भेद कुण्डलों सा सामाजिक विचारों को धारण करने की बातें।हाथों में मर्यादाओं की चूड़ियाँ, माथे पर भव्य सुर्ख लाल सौभाग्य की बड़ी सी बिंदी मानो सूर्य को…

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परवाज़

परवाज़ वह पन्द्रह दिन पहले न्यूयॉर्क में बिजनेस मीटिंग मे भाग लेने आया। मीटिंग बहुत अच्छी रही और कम्पनी को नया प्रोजेक्ट मिल गया। वह बहुत खुश था उसे अपनी कामयाबी पर बहुत फक्र हो रहा था आज उसकी मेहनत सफल हुई। खुशी का एक कारण यह भी वह अपने वतन लौट रहा था ।…

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स्वागत गणतंत्र

स्वागत गणतंत्र स्वागतम सुमधुर नवल प्रभात, स्वागतम नव गणतंत्र की भोर, स्वागतम प्रथम भास्कर रश्मि, स्वागतम पुन:, स्वागतम और। जगा है अब मन में विश्वास, कि सपने पूरे होंगे सकल, कुहुक कुहकेगी कोयल कूक, खिलेगा उपवन का हर पोर। युवा होती जायेगी विजय, सुगढ़ होता जायेगा तंत्र, फैलती जायेगी मुस्कान, विहंसता जायेगा जनतंत्र। कल्पनाएं सब…

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सीता

सीता सीता थी स्वभिमानी। अभिमानी नही। रक्षा की,अपने स्वभिमान की। राम ने सीता को त्यागा। सीता ने अयोध्या त्याग दी। वन की शरण ली। जंगल को ही मंगल किया। राम की व्याहता सीता। राजा राम की बेकसूर रानी। भोली-भाली सब से अनजान। गर्भवती बेचारी। राम की मनसा को जान, कितना दुख हुआ होगा? कितनी आहत…

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रास्ते और भी हैं

रास्ते और भी हैं “बोलो बाँके बिहारी लाल की जय ! बोलो बंसी वाले की जय ! जय जय श्री राधे…..!” और असंख्य स्वर एक साथ दोनों हाथ ऊपर उठाते हुए दंडवत प्रणाम करने लगते हैं। नित्य प्रतिदिन मंगला झांकी का यही दृश्य होता है। आरती आरम्भ हो चुकी है। नेत्र बन्द किए पद्मा ध्यान…

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गृहस्वामिनी कपल

गृहस्वामिनी कपल अग्नि के फेरे हुए सात साक्षी मान ध्रुव तारा को जो मैं और तुम दो अलग अलग चेहरे दिल शरीर जान आत्मा व्यक्तित्व आस्तिव परिवार दोस्त वातावरण फिर भी हम ऐसे एक दूसरे मे ऐसे समाहित हुए मेरा सब कुछ तेरा हुआ तेरा सब कुछ मेरा हुआ तेरा मान सम्मान-स्वभिमान सुख-दुःख , सफलता,…

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राम के नाम पर दंगे

राम के नाम पर दंगे राम कौन हैं ! ‘रमते कणे कणे इति राम:’… जो प्राणी मात्र के हृदय में रमण करते हैं वह ‘राम’ है तथा जिनमें आमजन रमण करते हैं, ध्यान लगातें वह हैं ‘राम’ । शेक्सपियर ने कहा था कि नाम में क्या रखा है, हमारे यहां भी एक कहावत है ‘आंख…

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