तिरस्कार

तिरस्कार टैक्सी जा कर बड़े से गेट के सामने रूक गई। दरवाजा खोल कर आशा बाहर निकली उस के पीछे दोनों छोटे बच्चें। आशा ने टैक्सी का किराया चुकाया, बैग कंधे पर डाला और दोनों बच्चों का हाथ पकड़ कर गेट के सामने आ खड़ी हुई। दरबान ने देखा तो सलाम किया फिर सिर झुका…

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वे सड़कें बना रहे हैं..

वे सड़कें बना रहे हैं.. गर्म तपती भट्ठियों सी , तप्त सड़कों पर कोलतार की धार गिराते , मजदूरों के झुलस रहे हैं पाँव. पर तपती धरती पर, गिट्टियां बिछाते, मानो स्नेह का लेप लगा रहे हैं, वे सड़कें बना रहे हैं. गर्म जलाते टायरों का , फैलता है धुंआ ,आग उगलता, जला रहा है…

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हर उड़ान भरने को तैयार

हर उड़ान भरने को तैयार ” पापा मुझे कम्प्यूटर कोर्स करना है “, ग्रेज्यूएशन का रिजल्ट आते ही मैने पापा से कहा । ” ज़रूर करो “, पापा के इन दो शब्दों ने मेरी उड़ान को मानो पँख लगा दिये । घर में पापा, मम्मी , भैया व छोटी बहन मेरे प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण…

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पुनः पर्यावरण चिंतन

पुनः पर्यावरण चिंतन ५ जून विश्व पर्यावरण दिवस के नाम समर्पित है। फिर वही पत्र-पत्रिकाओं में कुछ संबंधित चित्र, आलेख, संचार माध्यमों में कुछ चर्चा- परिचर्चा, कुछ सरकारी घोषणाएं और कार्यक्रम। आवश्यकता है हम आमजन पर्यावरण को इसके स्थूल रूप से पृथक इसके वास्तविक रूप में ग्रहण करें। पर्यावरण के जैविक संघटकों में सूक्ष्म जीवाणु से लेकर…

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क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद

क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद मैं गुलामी का कफन, उजला स्वप्न स्वाधीनता का नाम से आजाद, हर संकल्प से फौलाद हूं मैं। – श्रीकृष्ण सरल मात्र 14 वर्ष की आयु में चंद्रशेखर ने कानून भंग आंदोलन में अपना योगदान दिया।1921 में गांधीजी के असहयोग आंदोलन से जुड़े। इस आंदोलन में भाग लेने पर जब अंग्रेजों ने उन्हें…

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नारी अधिकारियों का मजबूत कंधा-एलिस पाॅल

नारी अधिकारियों का मजबूत कंधा-एलिस पाॅल एलिस स्ट्रोक्स पाॅल का जन्म 11 जनवरी 1885 को न्यूजर्सी के माऊंट लार्रेल टाउन में हुआ। इनके पिता विलियम मिल पाॅल एक सफल व्यवसाई थे तथा विंथ्रोब परिवार के वंशज थे।इनकी मांँ टेसी पेरी पॉल सोसाइटी ऑफ फ्रेंड्स के आंदोलन में सक्रिय सदस्य थीं। एलिस दो बहन एवं दो…

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कहानी ‘मेला’ एक वैचारिक दृष्टिकोण

कहानी ‘मेला’ एक वैचारिक दृष्टिकोण साहित्य संसार की प्रतिष्ठित कथाकर, जो, केवल कहानियों में ही नहीं, नाटक, उपन्यास, कविता, निबंध, पत्रकारिता,लगभग साहित्य की अधिकांश विधाओं में अपना हस्तक्षेप रखतीं हैं और अपने लेखन के लिये अनेक साहित्य सम्मान से नवाज़ी गईं हैं। प्रबुद्ध, सरल -सहज, सौम्य, चेहरे पर,निर्बाध, निश्छल हँसी ऐसे दिखती है,जैसे पूस में…

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पीली कोठी

पीली कोठी आज सुबह से पीली कोठी के पिछले भाग में खूब सारी हलचल मची थी। पीली कोठी का पिछला हिस्सा अब पीला भी कहाँ रहा। हल्के गुलाबी और हरे रंगों में सराबोर वह अब इस पीली कोठी का हिस्सा ही नहीं लगता। शायद कोई ब्याह शादी होगी। प्रतिभा का मन हुआ कि उधर जाए…

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मन के हारे हार है,मन के जीते जीत

मन के हारे हार है,मन के जीते जीत आज सुबह से नेहा कुछ ज्यादा ही परेशान थी,उसे समझ में नहीं आ रहा था कि वह कैसे अपने को संभाले,चारों तरफ कोरोना महामारी और उसके अफवाहों से वह बहुत परेशान और हताश हो गई थी। वह इसी उधेड़बुन में थी तभी उसकी बड़ी बहन का फोन…

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