नारी सशक्तिकरण का स्वरूप – “सौत”

नारी सशक्तिकरण का स्वरूप – “सौत” हिंदी साहित्य में जब भी कहानी की चर्चा होगी, वह मुंशी प्रेमचंद जी का नाम लिए बिना हमेशा अधूरी ही रहेगी। उनकी कहानियों में समाज के सामान्य वर्ग; जिनमें छोटे, दबे कुचले, सहमे और सताए लोगों से जुड़ी समस्याओं का विशेष स्थान रहा है। अपने जीवन-काल में जिस आर्थिक…

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सौत

सौत प्रेमचंद जी ने अपने लेखन में शायद ही किसी मानवीय सम्बन्धों के आयाम पर अपनी कलम चलाने से खुद को अलग रखा हो |किसी भी रिश्ते की गहराई तक पहुँच जाना उनके लेखन को ऊंचाइयों तक ले जाता है |भारतीय समाज का ढांचा आपसी संवेदना के कारण टिका रहता है जो भारतीय समाज का…

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दसवें दिन ‘माँ दुर्गा’ क्यों नहीं ??

दसवें दिन ‘माँ दुर्गा’ क्यों नहीं ?? हर बार नवरात्र समाप्त होते ही दसवें दिन ‘श्रीराम’ एक नायक के रूप में उभरकर सामने आते हैं, और ‘रावण’ खलनायक के रूप में पेश किया जाता है। विजयादशमी को बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में भी देखा जाता है। मैंने शायद एक-दो बार ही रावण…

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अपनी शक्ति पहचानो

अपनी शक्ति पहचानो निर्भया ! अब जागो डरो नहीं, तुम उठो अपनी शक्ति पहचानो कब तलक दामिनी सी अपना मुँह छुपाओगी कोई राम हनुमान नहीं आएँगे बचाने वानर सेना भी तुम बना नहीं पाओगी कृष्ण भी चीर ना बढ़ाएगा राम के रहते भी हरी गई थी सीता दुःशासनी दुनिया में अंधे तो थे ही अब…

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माँ!!तुझ से ही तो…

माँ!!तुझ से ही तो… जीवन में उजाला था, तेरे बगैर खुद को… बड़ी मुश्किल से संभाला था। तुम अटूट बंधन…. एक मजबूत स्तंभ थी, झकझोरती हुई संवेदना… अनवरत बहती धारा थी। तेरी आँचल में ही तो… हंस के,रो के… सारा बचपन गुजारा था, तेरे बगैर खुद को… बड़ी मुश्किल से संभाला था। ना जाने कितने…

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रहस्यमयी रानी-मिस्र की क्लियोपेट्रा Vll

रहस्यमयी रानी-मिस्र की क्लियोपेट्रा Vll क्लियोपेट्रा मिस्र की सबसे सफल व खूबसूरत रानी थी। उसने अपनी सुंदरता , चतुराई , षड्यंत्रकारिता, कामुकता व बुद्धिमत्ता के बल पर कई वर्षों तक सफलतापूर्वक राज किया। आज भी इस रहस्यमयी शख्सियत के ऊपर शोध जारी है। यह सिलसिला थमा नहीं है। साथ ही, यह कहना भी न्याय संगत…

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विषाणु कोरोना

विषाणु कोरोना कोरोना वायरस की आपदा विश्वव्यापी थी। इस संकट से निपटने में हमारे सक्षम प्रधानमंत्री मोदी जी की दूरदर्शिता और कर्मठता का ही परिणाम था कि हमारे देश में कोरोना वायरस उतनी तेजी से नहीं फैला जैसा अन्य देश में फैला था। मोदी जी ने देश के फस्टफ्रंट पर काम करने वाले सभी डाक्टर,…

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भारत के महानायक:गाथावली स्वतंत्रता से समुन्नति की- इंदिरा गांधी

इंदिरा प्रियदर्शिनी गाँधी “किसी ने इंदिरा गाँधी को ‘कोल्ड ब्लडेड रूथलेस वोमन’ (Indira Gandhi is a cold blooded ruthless woman) कहा | क्या आपको पता है किसने ?”, अचानक इंटरव्यू बोर्ड के एक सम्मानित सदस्य ने अकस्मात् ही पूछा | आज से कुछ ५० वर्ष पूर्व, आईएएस की लिखित परीक्षा में उत्तीर्ण होने के बाद,…

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तेरे संग का रंग

तेरे संग का रंग होली में हमारे घर भांग पिसी जाती और उसे छुपा कर ठंडई में, पुआ में डाल दिया जाता ताकि देवरों नंदो को पता न चल पाए भाभी के मज़ाक का, और पति को भी आनंद के रंग में डुबो दिया जाए। उन दिनों परिवार बड़ा था और होली में मायका ससुराल…

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