नारी सशक्तिकरण का स्वरूप – “सौत”
नारी सशक्तिकरण का स्वरूप – “सौत” हिंदी साहित्य में जब भी कहानी की चर्चा होगी, वह मुंशी प्रेमचंद जी का नाम लिए बिना हमेशा अधूरी ही रहेगी। उनकी कहानियों में समाज के सामान्य वर्ग; जिनमें छोटे, दबे कुचले, सहमे और सताए लोगों से जुड़ी समस्याओं का विशेष स्थान रहा है। अपने जीवन-काल में जिस आर्थिक…