इसे कहते हैं ज़िंदगी

इसे कहते हैं ज़िंदगी वैसे तो मैं एक लेखिका हूँ लिखना पेशा नहीं जूनून है मेरा लेकिन अपनी जिंदगी के बारे में लिखने बैठी हूँ तो बीती जिंदगी का हर लम्हाँ एक एक करके नजरों के सामने आ गया है।क्या लिखूँ और क्या नहीं ,हर लम्हें की अपनी खूबसूरती हैं और महत्ता है।बात अपने जन्म…

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“कुछ कही, कुछ अनकही”

“कुछ कही, कुछ अनकही” जीवन में अनेक पहलू ऐसे आते हैं जो अंतस में खलबली तो मचाते हैं पर उसको बाहर लाना सरल नहीं होता और यही बात कई बार अंदर घुटन उत्पन्न करती है तो अनेकों बार हम उसी में खुशी ढूंढ लेते हैं। ज़िन्दगी के यही चढ़ते-उतरते पड़ाव हमारे जीवन की कहानी बन…

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छठ पूजा विशेषांक

छठ पर्व : भावनाओं का ज्वार पवित्र कार्तिक मास आते ही वातावरण ज्योतिर्मय होने लगता है… शक्तिदायिनी माँ दुर्गा के आगमन के बाद से ही मातृ शक्ति का एक प्रवाह मन की भावनाओ को झंकृत करने लगता है … बंगाल की कोजागरी लक्खी पूजा, काली पूजा, जगद्धात्री पूजा तो अन्य स्थानों पर धन की देवी…

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गृहस्वामिनी दीपोत्सव

  गृहस्वामिनी दीपोत्सव गृहस्वामिनी परिवार के प्रत्येक सदस्य ने अपने परिवार के साथ साथ एक दूसरे से तस्वीरे शेयर कर मनाई दीपावली। एक दीप तुम प्यार का, रखना दिल के द्वार, यही दीप का अर्थ है, यही पर्व का सार।। दीप हृदय में कर गये, खुशियों का बौछार, आज प्रेम से हम करें, दीपों का…

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मेरी कहानी

मेरी कहानी शाम का धुंधलका और एक सोलह साल की लड़की अपनी किताबों की दुनिया में खोई अपने को रानी झाँसी समझ रही थी तभी उसके कानों में पिता के शब्द पड़े जो माँ से कह रहे थे की ऐसा रिश्ता जल्दी नहीं मिलेगा ।माँ का जवाब था अरे अभी वो छोटी हैं और फिर…

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क्षितिज की लालिमा करे आह्वान”

“क्षितिज की लालिमा करे आह्वान” 15 अक्टूबर शरद पूर्णिमा कोजागरी लक्ष्मी पूजा के दिन बिहार के सहरसा जिले में जन्मी बच्ची को डॉक्टर ने हाथों में थामकर घोषणा की, “यह बच्ची बेहद विलक्षण, आगे चलकर पूरी दुनिया में नाम रोशन करेगी”। 2 वर्ष चार महीने की छोटी आयु में ही मां सीता के रूप झांकी…

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चुनौतियाँ हमसे बड़ी नहीं

चुनौतियाँ हमसे बड़ी नहीं मैं पुष्पांजलि मिश्रा जीवन के चार दशक पार करने के बाद जब अपने जीवन के बारे में सोचती हूँ तो इसे ईश्वर की कृपा मानती हूँ और भविष्य के लिए आशावादी हूँ ।ईश कृपा, माता-पिता व गुरु जनों का आशीष, अपनों के प्यार से सजे, नकारात्मकता और निराशा से दूर अपने…

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खिडक़ी से धूप

खिडक़ी से धूप जीवन हार्टबीट की तरह है, जब तक उतार चढ़ाव न हो सार्थकता नही रहती। भावनाओं को आकार देना स्कूली जीवन से ही हो गया था। लिखने से ज्यादा पढ़ने के शौक ने जुगसलाई सेवा सदन पुस्तकालय से बाधें रखा । मेरी कविता यूं ही गुमनामी के अंधेरों मे गुम हो गई होती…

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चलते रहने का नाम जीवन है

चलते रहने का नाम जीवन है जीवन के प्रति पॉजिटिव दृष्टिकोण, जीवन में चाहे जितने भी दुख आये,,,हमेशा हँसते रहने को कृतसंकल्प,,, जीवन हरपल इम्तहान लेती है,,,पर सफल होने का जज्बा, निराशा में भी आशा का दामन थामे रखना,,,हर परिस्थिति में एक शक्ति का अहसास रखना,,,संघर्षशीलता हर हालत में अपनी ताक़त स्वंय बन जाती है।अन्याय…

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