देश पर बदनुमा दाग ; कश्मीरी पंडितों का कश्मीर से पलायन

देश पर बदनुमा दाग ; कश्मीरी पंडितों का कश्मीर से पलायन अखंड भारत पर ग्रहण उसी समय लग चुका था जब 1947 में नेहरू जैसे रहनुमाओं ने कश्मीर को अलग से संविधान की सुविधा के रूप में 370 धारा जैसा कोढ़ दे दिया। इसी का लाभ उठाकर मजहब के नाम पर अलग होने वाले कुछ…

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शत शत नमन अमर सुभाष

महानायक जिस समय महात्मा गांधी अहिंसा के ध्वजवाहक बन सारे विश्व में चर्चा के केंद्र बिंदु बने हुए थे, ठीक उसी वक्त गुलामी की जंग छुड़ाने के लिए साम्राज्यवादियों को झुलसा देने वाली आंच की आवश्यकता का अनुभव करनेवाली उग्र विचारधारा का समर्थन करने वाले सुभाषचंद्र का राष्ट्रीय आंदोलन के क्षितिज पर होना ही एक…

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श्रद्धांजलि

महान लोक-शिक्षक ……स्वामी विवेकानंद !! नव भारत का उदय होने दो। उसका उदय हल चलानेवाले किसानों की कुटिया से, मछुए, मोचियों और मेहतरों की झोपड़ियों से हो, बनिये की दुकान से, रोटी बेचने वाले की भट्ठी के पास से प्रकट हो। कारखानों, हाटों और बाजारों से वह निकले। वह नव भारत अमराइयों और जंगलों से,…

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मकर संक्रांति स्पेशल दही

*मकर संक्रांति स्पेशल दही* दो लोगो के लिए सामग्री:- दूध (फूल क्रीम) – १ किलो चीनी- १०० ग्राम अमूल होल पाउडर दूध की दो छोटी पाउच तरल पठाली गुड – दो चम्मच एक चम्मच गाढ़ी जमावन दही मिट्टी की हांडी -१/२ किलो साइज     विधि:- १ किलो दूध को गैस चूल्हा पर गरम करें…

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नागरिकता संशोधन कानून

नागरिकता संशोधन कानून   नागरिकता संशोधन कानून के बारे पढें और समझे । एक बहुत बड़ी भ्रांति फैलाई जा रही है कि यह बिल माइनॉरिटी के खिलाफ है, यह बिल विशेषकर मुस्लिम समुदाय के खिलाफ है।किसी के बहकावे में ना आएं।हम एक हैं हमें कुछ राजनीतिक दलों के बहकावे में नहीं आना है। नागरिकता (संशोधन)…

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संघर्ष ही मेरे जीवन की प्रेरणा है

  संघर्ष ही मेरे जीवन की प्रेरणा है।   क्या कहूँ, मैं कौन हूँ! कैसे करूँ, मैं स्वयं को परिभाषित! वर्षों की चिंगारियों की धुंध में, सुलगती आग, संवेदना की ज्वार हूँ। जटिल संघर्षों से उपजी, मौन अकुलाहट….! संभ्रांत, मर्यादित….. शब्दों की व्रिहद अभिव्यक्ति, “सरस व्यवहार हूँ मैं।” अपनी लिखी कविता की इन्हीं पंक्तियों के…

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मेडिकल समर्पित रक्त व साहित्य सुधा

“मेडिकल समर्पित रक्त व साहित्य सुधा” जिंदगी का सफर यदि खट्टे मीठे अनुभवों का पिटारा है , तो यादों के पन्ने होते हैं और फिर चलते चलते जीवन के उतार चढ़ाव में विधाता ने कुछ ऐसे मोड़ लिखे होते हैं,जिनके बारे में कल्पना में भी सोचा नही होता है।बचपन की यादें एक सुखद हँसी होंठों…

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ये अंतर्नाद है

ये अंतर्नाद है मेरा जन्मस्थल पाटलिपुत्र (पटना) वैदिक काल से ही अपना एक ऐतिहासिक गौरव समेटे हुए है। मेरे दादा मेवालाल लक्ष्मण प्रसाद जौहरी स्वतंत्रता सेनानी थे और अपने समय में पटना के प्रसिद्ध जौहरी भी थे।मेरे पिता जी राजा राम मोहन राय स्कूल में टीचर थे,बाद में कृषि विभाग में हो जाने पर सरकारी…

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