क्षितिज की ओर

क्षितिज की ओर     मुग्ध हो कर देख रहा हूं और बह रहा हूं अस्तित्व की बाढ़ में तेरी अविजित मुस्कान इधर झनझनाती तंत्रियों में शुरू सामूहिक गान।   तू झुलसा रही मेरे अहं को मेरी दुर्बलता को उमड़ रहा न जाने क्या झुकती नज़र, कभी उठती नज़र पर इसके माने क्या? फुलवारी कुछ…

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रचना उनियाल की कविताएं

रचना उनियाल की कविताएं १.संकल्पों की निष्ठाओं के भू नंदनवन के सौरभ से ,सकल जगत महकायेंगे। संकल्पों की निष्ठाओं के ,पुष्प धरा खिल जायेंगे।। विगत काल की रेखाओं पर ,हम नव रेखा खींचेंगे। सदियों के माता गौरव को ,कण कण में अब सीचेंगे।। शाश्वत संस्कारों की जय को ,जन मन तक पहुँचायेंगे। संकल्पों की निष्ठाओं…

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पलायन

पलायन पलायन क्यों? खतरे से घबराना क्यूं?? क्यों का कोई अर्थ नहीं, तुम्हें लगता कि….. हम जा रहे उस ओर, जहां कुछ तो होगा !! पर ! यह पलायन जरूरी नहीं, पूरा देश हमारे साथ है, फिर क्यों? आपदा व विपत्ति से घबराना, आग्रह है सुरक्षा का, दायित्व हमें निभाना है, दुःख की घड़ी में…

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बहुमुखी प्रतिभा के धनी मुंशी प्रेमचंद

बहुमुखी प्रतिभा के धनी मुंशी प्रेमचंद सर्वाधिक लोकप्रिय उपन्यासकार, साहित्यकार, नाटककार और विचारक के रूप में सर्वाधिक जाना पहचाना नाम प्रेमचंद जी का है।इन्हें हिंदी और उर्दू के लोकप्रिय साहित्यकारों में जाना जाता है। आपका जन्म 31 जुलाई 1880 को बनारस शहर से चार मील दूर लमही गांव में हुआ था।आपका बचपन बहुत ही आर्थिक…

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विरासत का वर्तमान

  विरासत का वर्तमान आखिर, जिस बिहार का अतीत इतना गौरवशाली रहा है आज वह इतना विकृत कैसे हो गया। बिहार में न तो प्राकृतिक संसाधनों की कमी है और न ही योग्यता की। आखिर वो कौन-से कारण हैं जिनके कारण रोजी-रोटी कमाने बिहारियों को दूसरे राज्यों में जाना पड़ता है। कुछ तो होगा। ऐसा…

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अयोध्या की ऐतिहासिकता

अयोध्या की ऐतिहासिकता   अयोध्या की ऐतिहासिकता को समझने से पूर्व यह जान लेना आवश्यक है कि अयोध्या शब्द “अयुद्धा” का बिगड़ा हुआ रूप है ।अयोध्या के अस्तित्व का इतिहास आरंभ होता है सूर्यपुत्र वैवस्वत मनु द्वारा इसे बसाए जाने से। विश्व प्रसिद्ध ग्रंथ रामायण में उल्लेख है कि — अयोध्या नाम नगरी तत्रासीत लोक…

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संवत्सर के नये सृजन का

संवत्सर के नये सृजन का संवत्सर के नये सृजन का प्राण प्राण वन्दन अभिनन्दन।। पीत पर्ण पर नन्ही कोपल, मन मन को आह्लादित करती। घनी अमा से उतरी किरणें, जन जन को संबोधित करती। पांखुर पांखुर गीत लिखें तितली फूलों का मधु रंजन।।१।। सुनहली शाटिका धृता पर कुंतल बीच पलाश सिंदूरी। कर्णसुसज्जित पारिजात ज्यूं ओढ़…

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GOD IS LOVE

GOD IS LOVE Love is a metaphor of absolute surrender, Unspeakable closeness with every breath together. L, is for the laughter we share everyday, We hold on to each other in every way. 0, is for opulence that we treasure each other, Knowing our wealth will never wither. V, is for the values of our…

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मानवता का शव 

मानवता का शव इतिहास के खडंहरों,में क्षतविक्षत पडा है मानवता का शव… सदियों,का सन्नाटा.. और ..दिलों दिमाग पर गूंजतीं …भयानक चीखें… सरसराहट …दरकते रिश्ते क्रदंन कराहती रुहों का.. पुराने दिनो की आखों से बहती धार में… बताऔ..भविष्य की आँख में काजल सजाऊं कैसे??? दूर बहुत दूर ले आती कोकिला की आवाज़ किन्तू पास ..बहुत पास…..

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