उदित सत्य का सूर्य

उदित सत्य का सूर्य झूठे नाम, झूठे मान, झूठी शान… आखिर बताओ बंधु मेरे… फिर सच की चाह क्यों…? और सच की राह क्या.. कहां, किस ओर…? झूठ और झूठे की… होती क्यों जयजयकार रे बंधु..! होती क्यों वाह वाह…! हाथ कंगन को लुभाती आरसी…, सच चीख चीख क्यों होता बेहाल…! है सारे अमीरखाने खजाने…

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भारत बनाम इंडिया विकास-गाथा !!

भारत बनाम इंडिया विकास-गाथा !! अनेक नामों में इस देश का एक नाम है भारतवर्ष। इस नाम में इसका प्राचीन गौरव समाहित है। ‘अमरकोश’ में वाचस्पति का एक श्लोक आता है- “स्यात भारतं किंपुरुष च दक्षिणां: रम्यं हिरण्यमयकर, हिमाद्रेरुत्तरास्त्राय:। भद्रश्वकेतुमालो तू द्वहो वर्षो पूर्वपश्चिमो इलाव्रित्त तू मध्यस्थ सुमेरुयर्ष तिष्ठति।।” इस श्लोक के अनुसार प्राचीनकाल में…

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आज़ाद भारत में नारियों की आज़ादी कितनी?

आज़ाद भारत में नारियों की आज़ादी कितनी? डॉ भीमराव आंबेडकर की अध्यक्षता में 2 वर्ष 11 महीने और 18 दिन में नया संविधान बन कर तैयार हुआ जिसमे सदस्य माननीय जवाहर लाल नेहरू सरदार बल्लभ भाई पटेल,मौलाना अबुल क़लाम आज़ाद थे। भारतीय संविधान को सभा द्वारा 26 जनवरी 1949 को अपनाया गया था लेकिन लागू…

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गणतंत्र कैसा ये गणतंत्र

गणतंत्र कैसा ये गणतंत्र गणतंत्र कैसा ये गणतंत्र जहाँ आज भी धर्म पर होते बवाल कई न आज़ादी मंदिर की न आज़ादी मस्ज़िद की न ही गुरुद्वारे गिरजाघर की बंटे धर्म , मज़हब सारे यूँ देश में अपने ही ।। गणतंत्र कैसा ये गणतंत्र जहाँ नहीं महफूज़ लड़की कभी कोख में कभी घर में कभी…

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गणतंत्रता दिवस

गणतंत्रता दिवस सोनू रोज़ ही सिग्नल पर कभी गुब्बारे, कभी पैन ,कभी मूँगफली बेचता दिख जाया करता था और मैं उससे बिना ज़रूरत के भी चीज़ें खरीद लिया करती । सोनू की उम्र लगभग दस साल होगी। एक अनकहा सा खिंचाव महसूस होने लगा था मुझे उसके प्रति। पर आज वह कहीं नहीं दिखा। हरी…

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देश पर बदनुमा दाग ; कश्मीरी पंडितों का कश्मीर से पलायन

देश पर बदनुमा दाग ; कश्मीरी पंडितों का कश्मीर से पलायन अखंड भारत पर ग्रहण उसी समय लग चुका था जब 1947 में नेहरू जैसे रहनुमाओं ने कश्मीर को अलग से संविधान की सुविधा के रूप में 370 धारा जैसा कोढ़ दे दिया। इसी का लाभ उठाकर मजहब के नाम पर अलग होने वाले कुछ…

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शत शत नमन अमर सुभाष

महानायक जिस समय महात्मा गांधी अहिंसा के ध्वजवाहक बन सारे विश्व में चर्चा के केंद्र बिंदु बने हुए थे, ठीक उसी वक्त गुलामी की जंग छुड़ाने के लिए साम्राज्यवादियों को झुलसा देने वाली आंच की आवश्यकता का अनुभव करनेवाली उग्र विचारधारा का समर्थन करने वाले सुभाषचंद्र का राष्ट्रीय आंदोलन के क्षितिज पर होना ही एक…

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श्रद्धांजलि

महान लोक-शिक्षक ……स्वामी विवेकानंद !! नव भारत का उदय होने दो। उसका उदय हल चलानेवाले किसानों की कुटिया से, मछुए, मोचियों और मेहतरों की झोपड़ियों से हो, बनिये की दुकान से, रोटी बेचने वाले की भट्ठी के पास से प्रकट हो। कारखानों, हाटों और बाजारों से वह निकले। वह नव भारत अमराइयों और जंगलों से,…

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मकर संक्रांति स्पेशल दही

*मकर संक्रांति स्पेशल दही* दो लोगो के लिए सामग्री:- दूध (फूल क्रीम) – १ किलो चीनी- १०० ग्राम अमूल होल पाउडर दूध की दो छोटी पाउच तरल पठाली गुड – दो चम्मच एक चम्मच गाढ़ी जमावन दही मिट्टी की हांडी -१/२ किलो साइज     विधि:- १ किलो दूध को गैस चूल्हा पर गरम करें…

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