डॉक्टर-एक फरिश्ता

डॉक्टर-एक फरिश्ता डॉक्टर धरती का एक फरिश्ता है, मरीजों का दिल से एक रिश्ता है, मरीजों का नब्ज देख भांप वो लेता, हिम्मत, हौसला बुलंद रखता, हरदम दिमाग से काम वो लेता, बचाकर जीवन वो कितनों की, बनाया सबसे एक रिश्ता है, वो !!!!! एक डॉक्टर नहीं फरिश्ता है, कितने मरीजों को जीवन दान दिया,…

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“कुछ कही, कुछ अनकही”

“कुछ कही, कुछ अनकही” जीवन में अनेक पहलू ऐसे आते हैं जो अंतस में खलबली तो मचाते हैं पर उसको बाहर लाना सरल नहीं होता और यही बात कई बार अंदर घुटन उत्पन्न करती है तो अनेकों बार हम उसी में खुशी ढूंढ लेते हैं। ज़िन्दगी के यही चढ़ते-उतरते पड़ाव हमारे जीवन की कहानी बन…

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मजदूर का बेटा

मजदूर का बेटा हम साथ साथ पढ़ते तब , 8 वीं की बात रही होगी, मेरी टक्कर हमेशा से ही उससे हो जाती थी, और मैं हमेशा उससे हार जाता था। खेल में, कक्षा के रिजल्ट के स्थान में, हमेशा वो मुझसे बाजी मार लेता था। मुझे इस बात से उससे चिढ़ हो गई थी,…

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हम हिन्दुस्तानी की है शान

हम हिन्दुस्तानी की है शान प्यारी “मां” की बिंदी । सबकी प्यारी हिंदी।। भारत वर्ष में चारों ओर बोलने वाली अनगिनत भाषाओं में यह कहना की कौन सी भाषा अधिक व कौन सी कम बोली जाती है। उत्तर भारत में हमेशा से ही हिन्दी बोली जाती हैं कि । अनेकों लेखक ,कवि ,संतों ने हिंदी…

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भारत के महानायक:गाथावली स्वतंत्रता से समुन्नति की-रानी चेन्नमा

  कित्तूर की रानी चिन्नमा नारी दया,ममता, त्याग और प्रेम की प्रतिमूर्ति है। किंतु इतिहास गवाह है कि जब नारी पर अतिरिक्त कार्यभार या ज़िम्मेदारी पड़ती है तो वो उसे भी बखूबी निभाना जानती है।आज युग और समय काफ़ी बदल चुका है। बहुत से साकारात्मक बदलाव आए हैं समाज में।अब नारी पहले से कहीं अधिक…

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हम सब एक चमन के फूल

हम सब एक चमन के फूल साक्षी है इतिहास हमारा गए नहीं हम भूल, हम सब एक चमन के फूल हम सब एक चमन के फूल। हम हैं हिंदू,हम हैं मुस्लिम,हम हैं सिख ईसाई, जाति धर्म के झूठे झगड़ों में हम पढ़े ना भाई, गीता,ग्रंथ,कुरान,बाइबिल सबका एक ही मूल, हम सब एक चमन के फूल…

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राम और राजनीति

राम और राजनीति संस्कृत के रम् धातु से बने कण-कण में बसने वाले राम,शब्द और नीति दोनों ही दृष्टियों से राजनीति की हवा में रचे बसे नजर आते हैं।राम की राजनीति को दो प्रकार से देखा जा सकता है। ‘राम की राज-नीति’ और ‘राम की राजनीति’। राम के नाम पर की जाने वाली राजनीति आज…

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अम्फन के बाद की शाम

अम्फन के बाद की शाम आज शाम आकाश , उजले-नीले बादलों से आच्छादित। यूँ प्रतीत हो रहा जैसे मानो, प्रकृति अपने आलय के छत को, सजा रही अनेक गुब्बारों से। जो हवा के साथ गतियमान हैं, कभी बदलते आकार, रंग कभी। सजावट की गुणवत्ता नाप रहे हो जैसे , किसी गृहस्वामिनी के गृह -सज्जा के…

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गीली हुई क़िताब

गीली हुई क़िताब आज सारे घर में सुबह से ही किसी उत्सव सा माहौल था। आखिर घर भर के आँखों के तारे गोलू बाबू अरे.. नहीं भाई माफ़ करना … श्रीमान चिन्मय नीलकंठ जोशी आज पहली बार विद्यालय जो जा रहे है। वैसे उन्हें घर में ही दादी ने कई श्लोक पथ करवा दिए थे।…

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